रायपुर 13 सितम्बर।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाना चाहिए जिसमें ग्रामीण महिलाओं की विभिन्न बीमारियों का इलाज हो और उनके स्वास्थ्य से जुड़ी आवश्यक जानकारी दी जाए।
सुश्री उइके ने आज राजधानी में आयोजित स्त्री रोग विशेषज्ञों की तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि मेडिकल क्षेत्र में हो रहे नए अनुसंधानों का लाभ आम जनता खासकर दूरदराज क्षेत्र के लोगों को मिले। उच्च गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शासकीय और निजी, दोनों क्षेत्रों के चिकित्सकों के योगदान की आवश्यकता है।
उन्होने कहा कि चिकित्सा सेवा को मानवता की सबसे बड़ी सेवा माना गया है। बीमार, असहायों एवं असाध्य रोगों से जूझते मरीजों के लिए की गई चिकित्सा सेवा से किसी को नया जीवन मिलता है।राज्यपाल ने चिकित्सकों से आग्रह करते हुए कहा कि जब उनके समक्ष कोई गरीब और जरूरतमंद मरीज आए तो उनके साथ संवेदनशीलता के साथ व्यवहार करें और इलाज करें। साथ ही उन्हें शासन की योजनाओं की भी जानकारी दें, ताकि उनका लाभ ले सके।
स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि शासन के विभिन्न प्रयासों से मातृ मृत्यु दर में पहले से कमी आई है। संस्थागत प्रसव में भी बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य केन्द्रों में गर्भवती माताओं को सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है, ताकि मातृ मृत्यु दर को शून्य तक ले जाने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
कार्यक्रम को पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक चन्द्राकर, पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. आभा सिंह एवं डॉ. आशा जैन ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों से आए चिकित्सकगण भी उपस्थित थे।
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