नई दिल्ली 02 अगस्त। उच्चतम न्यायालय ने नोएडा भूमि आवंटन घोटाले के मामले में सीबीआई अदालत के फैसले को बरकरार रखा है, लेकिन दोषी, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव और पूर्व आईएएस अधिकारी राजीव कुमार की सजा की अवधि तीन से घटाकर दो वर्ष कर दी।
उच्चतम न्यायालय ने 1997 में नोएडा उद्यमी संघ की याचिका पर इस घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। आरोप था कि नीरा यादव ने राजीव कुमार के साथ मिलकर नियमों को दरकिनार करते हुए अतिथि गृह के लिए आवंटित प्लॉट का भूमि उपयोग और उसके आकार में बदलाव करके आपराधिक षड़यंत्र रचा।
श्रीमती नीरा यादव उस दौरान नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी और राजीव कुमार उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे।
जांच एजेंसी ने पाया था कि नोएडा की सीईओ पद पर रहने के दौरान नीरा यादव ने लोकसेवक के तौर पर पद का दुरुपयोग किया और नियमों का उल्लंघन करके एक प्लॉट अपने नाम आवंटित किया।
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