महाबलीपुरम 11 अक्टूबर।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति षी चिनफिंग दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए आज शाम चेन्नई के पास महाबलीपुरम में मलाकात की।
दक्षिण भारत के परम्परागत पोषाक, धोती पहने प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जुन तपस्या स्थल पर चीन के राष्ट्रपति का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने गर्मजोशी और सौहार्दपूर्ण वार्तावरण में हाथ मिलाया। अतिथि देवो भव के मूल्यों के अनुरूप प्रधानमंत्री ने सबसे पहले अर्जुन तपस्या स्थल के ऐतिहासिक महत्व से राष्ट्रपति षी चिनफिंग को अवगत कराया। श्री मोदी ने चीनी राष्ट्रपति को स्मारकों में अंकित चित्रों के अर्थ को भी समझाया।

श्री मोदी और श्री षी चिनफिंग ने बाद में, अर्जुन तपस्या स्थल के पास एक चट्टान को काटकर बनाये गये मंदिर का अवलोकन किया।इसके बाद प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति पांडवों के प्रसिद्ध पंच रथ पहुंचे। दोनों नेता तनावमुक्त वातावरण में कुछ देर के लिए रथ के सामने बैठकर बातचीत की।
इसके बाद श्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति को समुद्र तट पर स्थित प्रसिद्ध मंदिर ले गये जो भगवान शिव और विष्णु को समर्पित है। दोनों नेताओं ने इस मंदिर के सामने अपने-अपने शिष्टमंडल के सदस्यों को एक दूसरे से परिचित कराया।
भारतीय शिष्टमंडल में विदेश मंत्री एस जयशंकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश सचिव विजय गोखले शामिल हैं। चीन के शिष्टमंडल में अन्य लोगों के अलावा पोलित ब्यूरो के वरिष्ठ सदस्य और विदेश मंत्री शामिल हैं।
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