नई दिल्ली 01 जनवरी।वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सरकार को देश का वित्तीय घाटा कम करने के लिए रिजर्व बैंक की आरक्षित राशि से धन लेने की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने विपक्ष के इस आरोप को खारिज किया कि केंद्र सरकार इस बारे में रिजर्व बैंक पर दबाव बना रही है।
श्री जेटली ने कल लोकसभा में 2018-19 के लिए अनुपूरक अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि वित्तीय घाटे के प्रबंधन के बारे में एनडीए सरकार का रिकॉर्ड सबसे अच्छा है।उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने डूबे कर्जों की राशि ढाई लाख करोड़ रुपये दिखाई थी, जबकि वास्तव में यह साढ़े आठ लाख करोड़ थी।
देश की आर्थिक वृद्धि का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत साढ़े सात प्रतिशत की विकास दर के साथ दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है।श्री जेटली ने कहा कि मौजूदा सरकार ने वित्तीय और चालू खाता घाटा को नियंत्रित किया है और अर्थव्यवस्था को स्थिरता दी है। उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी के बारे में विपक्ष की आलोचना को खारिज कर दिया।
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