स्टाकहोम 14 अक्टूबर।अर्थशास्त्र के लिए 2019 का नोबेल पुरस्कार भारतीय मूल के अमरीकी नागरिक अभिजीत बैनर्जी और उनकी पत्नी एस्थर ड्यूफ्लो तथा माइकल क्रेमर को संयुक्त रूप से देने की घोषणा की गई है।
यह पुरस्कार उन्हें दुनिया से गरीबी दूर करने के बारे में उनके प्रयोगात्मक दृष्टिकोण पर काम के लिए दिया जा रहा है।
प्रोफेसर अभिजीत बैनर्जी की उच्च शिक्षा कलकत्ता विश्वविद्यालय और दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई। इसके बाद उन्होंने हॉरवर्ड विश्वविद्यालय से वर्ष 1988 में पी एच डी की डिग्री हासिल की।वर्तमान में वे मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर हैं। वर्ष 2003 में प्रो. अभिजीत बैनर्जी ने अपनी पत्नी ड्यूफ्लो और सेंथिल मुल्लईनाथन के साथ मिलकर गरीबी उन्मूलन के उपायों पर कार्य करने के लिए अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब की स्थापना की।
प्रो. अभिजीत बैनर्जी ने 2015 के बाद के विकास एजेंडा पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उच्च-स्तरीय पैनल में विशेषज्ञ के तौर पर भी काम किया है।
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