नई दिल्ली 10 नवम्बर।अयोध्या मुद्दे के बारे में उच्चतम न्यायालय के फैसले का व्यापक स्वागत किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत की न्यायपालिका के इतिहास में यह स्वर्णिम अध्याय है क्योंकि दशकों पुराने मामले का अंत हुआ है और पूरे देश ने खुले दिल के साथ फैसले का समर्थन किया है।देश को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कल कहा कि उच्चतम न्यायालय ने सभी पक्षों की दलीलें सुनी और यह खुशी की बात है कि अयोध्या का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया।
उन्होंने कहा कि जिस तरीके से समाज के हर वर्ग ने इस फैसले का स्वागत किया है, वह भारत की प्राचीन संस्कृति और सामाजिक सौहार्द की परम्परा का प्रमाण है।प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय का फैसला और करतारपुर गलियारे का खोला जाना बर्लिन की दीवार गिरने के समान है जो एकता का संदेश देते हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि यह आदेश एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होगा और इससे भारत की एकता तथा अखण्डता और मज़बूत होगी।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस फैसले से भारत की संवैधानिक और लोकतांत्रिक प्रणाली की शक्ति का पता चलता है।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि इस फैसले को किसी की जीत या हार के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी को दशकों से चल रहे विवाद को अब भूल जाना चाहिए।
कांग्रेस ने कहा है कि वह राम मंदिर निर्माण के पक्ष में आए इस फैसले का सम्मान करती है। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा पारित प्रस्ताव में सभी पक्षों और समुदायों से धर्म निरपेक्ष मूल्यों और भाईचारे की अपील की गई है। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के धर्म निरपेक्ष संविधान के तहत सभी को उच्चतम न्यायालय द्वारा सर्वसम्मति से लिये गये इस ऐतिहासिक फैसले का सम्मान करना चाहिए।वामपंथी दलों ने कहा कि राम मन्दिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने संबंधी इस निर्णय को किसी पक्ष की जीत के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।
मामले के एक प्रमुख पक्षकार उत्तर प्रदेश सुन्नी केन्द्रीय वक्फ बोर्ड ने फैसले का स्वागत किया और कहा कि इसे चुनौती देने की उसकी कोई योजना नहीं है।बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारूखी ने कहा कि अभी फैसले का अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद बोर्ड विस्तृत बयान जारी करेगा।निर्णय पर संतोष व्यक्त करते हुए एक पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि वे इसे चुनौती नहीं देंगे।राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ग़यारुल हसन रिज़वी ने कहा कि इस फैसले से मुस्लिम समुदाय खुश है।