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धान बोनस के लिए 2101 करोड़ 55 लाख रूपए की अनुपूरक अनुदान मांग पारित

रायपुर 22 सितम्बर।छत्तीसगढ़ विधानसभा ने आज किसानों को वर्ष 2016 के उपार्जित धान का बोनस देने के लिए 2101 करोड़ 54 लाख 77 हजार रूपए की अनुपूरक अनुदान मांगो को आज ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी।

मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का जो लक्ष्य देश को दिया है,उसके अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अपना रोडमैप तैयार कर लिया है।इस लक्ष्य से पहले ही वर्ष 2020 तक प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ में हमारी तैयारी शुरू हो गई है और इसके लिए हमारी पूरी टीम लगी हुई है।केन्द्र और राज्य सरकार की किसान हितैषी योजनाओं से छत्तीसगढ़ के किसानों के जीवन में बड़ा परिवर्तन आया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के हित में सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है।विधानसभा का यह विशेष सत्र किसानों पर केन्द्रित करने का यह एक अनूठा अवसर है।डॉ.सिंह ने कहा कि किसानों को बोनस देने के लिए 2100 करोड़ रूपए से ज्यादा राशि का प्रस्ताव है। इसमें अगर-मगर की कोई बात ही नहीं है। यह राशि सीधे किसानों के खाते में जाना है।मैं अक्सर हर दूसरे-तीसरे दिन राज्य का दौरा करता हूं। हर जगह मैंने देखा है कि प्रदेश के किसानों ने धान बोनस की घोषणा का भारी उत्साह के साथ स्वागत किया है।हाल ही में राजनांदगांव के कार्यक्रम में जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों के 70 हजार किसानों ने आकर बोनस के लिए प्रदेश सरकार को धन्यवाद दिया।मुख्यमंत्री ने कहा-इस बार धान का यह बोनस हमारे किसानों के लिए दीपावली के तोफे के रूप में होगा।

डा.सिंह ने कहा कि इस बार राज्य बड़े हिस्से में सूखे की स्थिति निर्मित हुई है।हमने सूखा प्रभावित किसानों की मदद के लिए पुख्ता इंतजाम किया है।उन्हें राजस्व पुस्तक परिपत्र (आरबीसी) 6-4 के तहत मुआवजा मिलेगा, ग्रामीणों को मनरेगा में 100 दिनों के स्थान पर 200 दिनों का रोजगार दिया जाएगा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का भी उन्हें लाभ मिलेगा। इसके अलावा धान का बोनस भी उनको दिया जाएगा।