रायपुर 02 जनवरी।अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्र ने कहा कि बालोद जिले अर्जुन्दा थाना के अंतर्गत छड़िया गांव में नरबलि की घटना अंधविश्वास का परिणाम है।
डॉ.मिश्र ने आज यहां जारी बयान में कहा ग्रामीण अंचल में आज भी अंधविश्वास के कारण ऐसी घटनाएं घटित होती हैं जिसमें लोग तथाकथित तांत्रिक, बैगा, गुनिया की सलाह पर अंधविश्वास कर आपराधिक कृत्य कर बैठते है।ग्राम छड़िया के पास ग्राम अलबरस, के पास भी ऐसा ही हुआ, पंचराम देशमुख नामक व्यक्ति को एक तांत्रिक धनराज नेताम ने घर में धन संपत्ति की बढ़ोत्तरी के लिए फांसी लगी रस्सी ,नारियल, सिक्का लेकर तन्त्र क्रिया व मंत्र जाप करने की बात कही तथा इस उपाय से रुपयों की बारिश होने की बात कही , इस पर अंधविश्वास में पड़ कर पंचराम ने अपने ही रिश्तेदार 15 वर्षीय रुद्रनारायण देशमुख की रस्सी से गला घोंटकर बलि दे दी,और उस रस्सी को तन्त्र क्रिया के लिए उस तथाकथित तांत्रिक को दे दी, अंधविश्वास में पड़ कर किसी मासूम की हत्या करना अत्यंत शर्मनाक और दुखद है।
उन्होने कहा कि तन्त्र मन्त्र के नाम पर चमत्कार,भूत प्रेत ,जादू टोना जैसी मान्यताओं का कोई अस्तित्व नही होता।इस लिए जादू टोने टोटके,इस प्रकार की तांत्रिक क्रियाये, ऐसे उपाय भीअंधविश्वास के अलावा कुछ नही है।मनुष्य और पशुओं में होने वाली विभिन्न बीमारियां भी अलग अलग कारणों से होती है जिनका उसके कारण के हिसाब से ही उपचार सम्भव है।ग्रामीणों को बैगाओं और तांत्रिको के ऐसे चमत्कारिकप्रयोगों, उपचार और समाधान वाले दावों पर भरोसा नहीं करना चाहिए और विज्ञान और चिकित्सा शास्त्र सम्मत सलाह लेना चाहिए।
डा.मिश्र ने कहा कि यदि तन्त्र मन्त्र ,और ऐसेअनुष्ठान से ही रुपयों की बारिश होने लगती तो किसी भी व्यक्ति को मेहनत करने, नॉकरी करने,व्यपार करने,उद्योग धंधे खोलने कीआवश्यकता नही पड़ती, हर बीमारी का भीड़भाड़ भरे शिविरों ,झाड़फूंक ,से ही चमत्कारिक इलाज हो पाता तो सरकारों को न ही देश भर में एम्स,मेडिकल कॉलेज ,कैंसरअस्पताल ,विकलांगो के लिए पुनर्वास केंद्र खोलने पड़ते ,न ही केंद्र और राज्य सरकारों को स्वास्थ्य योजनाएं लागू करनी पड़ती।
उन्होने कहा ग्रामीणों को किसी भी बैग ,गुनिया ,तांत्रिको ,के बहकावे में नहीं आना चाहिये और कोई भी गलत कदम नही उठाना चाहिये जिससे उन्हें अथवा उनके द्वारा किसी भी निर्दोष व्यक्ति के स्वास्थ्य और आर्थिक ,शारीरिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचे।