नई दिल्ली 31 जनवरी।राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के केन्द्रीय कक्ष में दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में अपने अभिभाषण में नागरिकता संशोधन अधिनियम को ऐतिहासिक कानून बताया।उन्होने कहा कि विभाजन के बाद बने माहौल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान के हिन्दू और सिख जो वहां नहीं रहना चाहते वो भारत आ सकते हैं। बापू के इस विचार का समर्थन करते हुए समय-समय पर अनेक राष्ट्रीय नेताओं और राजनैतिक दलों ने भी इसे आगे बढ़ाया।
राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी मुद्दे पर परस्पर बहस और चर्चा से ही लोकतंत्र मजबूत होता है जबकि विरोध के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा उसे कमजोर करती है। उन्होने कहा कि भारत की जनता ने सरकार को नये भारत के निर्माण का जनादेश दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के मंत्र का पालन कर रही है।
राष्ट्रपति ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से कहा कि उन्हें हमेशा याद रखना चाहिए कि वे सबसे पहले, देश के नागरिक हैं और उसके बाद किसी विशेष विचारधारा के नेता या समर्थक। जम्मू-कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को निष्प्रभावी करने का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र के समान विकास का रास्ता साफ हो गया है।
राष्ट्रपति ने राम जन्मभूमि पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद परिपक्व व्यवहार करने पर भी देशवासियों की सराहना की।राष्ट्रपति ने कहा कि संसद ने नई सरकार के पहले सात महीनों में कई ऐतिहासिक कानून बनाकर रिकार्ड बनाया है। इनमें तीन तलाक विरोधी कानून भी शामिल है। उन्होंने कहा कि संविधान को संसद और प्रत्येक सांसद से देशवासियों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने और राष्ट्रीय हित के मद्देनजर आवश्यक कानून बनाने की उम्मीद है।