
रायपुर 03 मार्च।आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि प्रदेश में संचालित एकलव्य विद्यालयों के विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा के बाद प्रतियोगी परीक्षा और इंजीनियरिंग, मेडिकल के लिए कोचिंग कराई जाए।
श्री टेकाम ने राज्य स्तरीय आदिम जाति कल्याण आवासीय एवं आश्रम संस्थान समिति ‘संचालक मंडल‘ की बैठक में कहा कि एकलव्य आवासीय विद्यालय प्रवेश नीति 2021-22 में सीटों के आरक्षण में अनुसूचित जनजाति में विशेष पिछड़ी जनजाति कमार, अबूझमाड़िया, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, बैगा, पण्डो और भुंजिया के विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जाए।
उन्होने कहा कि एकलव्य विद्यालयों में कक्षा 9वीं और 11वीं में सीट्स रिक्त होने पर लेटरल इंट्री की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव केन्द्र को भेजा जाए। निष्ठा योजना अंतर्गत नक्सल हिंसा से पीड़ित पालकों के बच्चों को एकलव्य विद्यालय में प्रवेश की अनुमति के संबंध में भी प्रस्ताव भेजा जाए। बैठक में केन्द्र द्वारा विशेष रूप से कमजोर जनजातियों का संचालन एकलव्य सोसायटी के अंतर्गत लाने के लिए प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
डॉ. टेकाम ने कहा कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु एक वर्षीय आवासीय प्रशिक्षण की कार्ययोजना तैयार की जाए। इसमें ड्रापर्स विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराके राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में चयन हेतु प्रशिक्षण दिया जाए।
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