बहुत से लोगों को ऐसा लगता है कि ओरल सेक्स सुरक्षित है क्योंकि इससे गर्भ ठहरने की चिंता नहीं रहती और इससे किसी बीमारी से ग्रस्त होने का खतरा भी कम होता है। लेकिन अगर स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो यह गलत है।
विशेषज्ञों के अनुसार सुरक्षित तरीके से ओरल सेक्स न करने से यौन संबंध बनाने के दौरान होने वाली बीमारियों का खतरा रहता है। उन खतरों में जो सबसे बड़ा खतरा है वो ”सूजाक”।ऴिश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO)की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि भारत समेत 50 देशों में सूजाक जैसी बीमारी बढ़ रही है।डॉक्टरों का यह भी मानना है कि इस बीमारी के बढ़ने के पीछे ओरस सेक्स खास वजह है।
सूजाक एक ऐसी यौन बीमारी है जिसमें शरीर दवा का असर कम करने की शक्ति प्राप्त कर लेता हैं या इसे आसान शब्दों में कह सकते हैं कि सूजाक की बीमारी हो जाने पर दवाओं का असर नहीं होता है।ओरल गॉनरिया यानी मुंह का सूजाक एक ऐसी बीमारी है जिसका पता लगाना और इलाज बहुत मुश्किल है।
सबसे चिंताजनक बात है कि यह बैक्टीरिया गले में मौजूद अन्य बैक्टीरिया से ऐंटिबायॉटिक्स को बेअसर करने की क्षमता हासिल कर लेता है और बाद में यह सेक्स पार्टनर्स में ट्रांसफर हो जाता है। हर साल करीब 7.8 करोड़ लोग सूजाक से संक्रमित होते हैं।मरीजों की संख्या दिन ब दिन बढ़ रही है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, बीमारी बढ़ने के कई कारण हैं।लोगों में एचआईवी फैलने का भय धीरे धीरे खत्म हो रहा है जिस कारण उन लोगों ने कंडोम का इस्तेमाल कम कर दिया है। इन दिनों बड़ी संख्या में लोग दूसरे देश की यात्रा कर रहे है,एक जगह से दूसरी जगह के लोगों में दवाओं को बेअसर करने की बीमारी फैल रही है।
ओरल सेक्स को लेकर लोगों में गलतफहमियां मुंह से एसटीडी नहीं फैलता। यह ओरल सेक्स को लेकर प्रचलित सबसे आम मिथक है।लेकिन यह पूरी तरह से गलत है। मैड्रिड के इंस्टीट्यूट ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन के विशेषज्ञ मारियानो रोजेलो गाया ने बताया, ” यह बात पूरी तरह गलत है। ओरल सेक्स के दौरान एसटीडी फैलने की आशंका रहती है।” इसका उदाहरण देते हुए वो कहते हैं कि ओरल सेक्स से ह्यूमन पापील्यूमा वायरस (एचपीवी) के संक्रमण, जेनाइटल हर्प्स या सुजाक के संक्रमण का खतरा रहता है।