रिजर्व बैंक और सरकार साथ मिलकर अपनी पॉलिसी के जरिए महंगाई को नियंत्रित करने का काम करती है। रेपो रेट के जरिए रिजर्व बैंक महंगाई पर काबू पाने काम करता है। अगर रेपो रेट में कटौती आती है, तो बैंक का ब्याज दर कम हो जाता है, वहीं अगर इसमें बढ़ोतरी होती है, तो लोन में लेने वाला ब्याज भी बढ़ जाता है।
अब तक तीन बार हुई है कटौती
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा अब तक रेपो रेट में तीन बार कटौती हो चुकी है। सबसे पहले फरवरी, अप्रैल और जून में रेपो रेट में कटौती की गई है। रेपो रेट में अब तक 1 फीसदी तक कटौती हो चुकी है। पहले और दूसरे समय पर रेपो रेट में 0.25 फीसदी और तीसरी बार यानी जून में 0.50 फीसदी कटौती की गई है।
कितनी होगी कटौती, क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
Krishna Group and Krisumi Corporation के अशोक कपूर का कहना है कि रेपो दर में कुल 100 आधार अंकों की कटौती का लाभ पहले ही मिल चुका है। होम लोन ब्याज दर कम होने से रियल एस्टेट को बूस्ट मिला है। रियल एस्टेट क्षेत्र में उपभोक्ता की मांग बढ़ी है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर आरबीआई द्वारा रेपो दर में 25 आधार अंकों की और कटौती होती है, तो इससे अर्थव्यवस्था को समग्र रूप से बढ़ावा मिलेगा और रियल एस्टेट सहित सभी क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी।
Bedarwaj Group के सीएमडी सुशील बेदारवाल कहते हैं कि इस साल रिजर्व बैंक द्वारा अब तक 100 आधार अंक की कटौती की जा चुकी है। इससे होम लोन का ब्याज दर और किफायती हुआ और रियल एस्टेट में मांग बढ़ी।
वहीं उन्होंने बताया कि जून में हुई एमपीसी बैठक में आरबीआई गवर्नर ने स्पष्ट रूप से और ढील देने का संकेत दिया है। उन्होंने आगे कहा हमें आगामी समीक्षा में 25 आधार अंकों की और कटौती की उम्मीद है।