नई दिल्ली 08 मई।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर कोरोना को लेकर आज फिर राजनीतिक हमले करने से इंकार करते हुए कहा कि लाकडाउन खोलने की रणनीति पर आगे बढ़ने एवं भय को खत्म करने के लिए आगे बढ़ने की जरूरत हैं।
श्री गांधी ने आज वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए पत्रकारों से कहा कि यह आलोचना का समय नही है, हमें लाकडाउन की स्थिति से निकलने की रणऩीति पर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होने कहा कि कोरोना वायरस के प्रति एक भय एवं डर का माहौल उत्पन्न हो गया है,इसे भी दूर करने के लिए सरकार, प्रधानमंत्री,मीडिया और हम सभी की जिम्मेदारी है। अगर यह दूर नही हुआ तो लोग लाकडाउऩ के बाद भी घरों से नही निकलेंगे।
उन्होने कहा कि कोरोना एक दो प्रतिशत गंभीर बीमारियों से पीडित लोगो के लिए ही जानलेवा है, जबकि 98 प्रतिशत के लिए जानलेवा नही है।लोग बीमार तो हो सकते है पर उनकी जान को खतरा नही है।उन्होने फिर दोहराया कि सरकार को मजदूरों,किसानों को तत्काल पैसे की मदद करनी होगी जबकि लघु एवं मध्यम उद्योगो को आर्थिक रूप से संरक्षण देना होगा।उन्होने आयोग्य सेतु एप सम्बन्धी प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार को इसमें पारदर्शिता लाकर लोगो को जानकारी देनी होगी क्योंकि हैंकर अपने दावे पर बरकरार है।
श्री गांधी ने कर्नाटक एवं गुजरात समेत कुछ राज्यों में प्रवासी मजदूरों को जबरिया रोकने सम्बन्धी प्रश्न के उत्तर मे इस तरह की प्रवृत्ति को चिन्ताजनक बताया और कहा कि प्रवासी मजदूर अगर घर लौटना चाहते है तो यह उऩका हक है। उन्हे जबरिया रोकना गलत है।उन्होने कहा कि मेडिकल जांच में जो भी मजदूर सुरक्षित है उऩ्हे घर वापसी से नही रोका जाना चाहिए।
उन्होने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि केवल कांग्रेस शासित राज्यों ही नही बल्कि उनके पास भाजपा शासित राज्यों से भी सूचना है कि उऩ्हे भी केन्द्र की ओर से आर्थिक मदद नही मिल पा रही है। केन्द्र को सभी राज्यों को आर्थिक मदद देना चाहिए।उन्होने पीएम केयर के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इसका आडिट होना चाहिए,और पारदर्शिता होनी चाहिए।
मोदी सरकार को उऩकी तथा पार्टी की ओर से दी जा रही सलाहों को संज्ञान में लेने के बारे में पूछे जाने पर उऩ्होने कहा कि मोदी सरकार की विपक्ष से बात नही करने एवं उनकी सलाह को नजरदांज करने की एक आम नीति रही है पर यह उनका नजरिया है।हमारा काम सरकार को एक साकारात्मक सलाह देने का है।इसे हम और हमारी पार्टी आगे भी जारी रखेंगी।