रायपुर, 23 सितंबर।छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य सरकार की भागीदारी वाली निर्माणाधीन रेल कारिडोर एवं रेल परियोजनाओं की समीक्षा करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में छत्तीसगढ़ में रेल परियोजनाओं और यात्री सुविधाओं की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि कि इन रेल परियोजनाओं और कोल ब्लॉक विकसित करने से पर्यावरण को होने वाली क्षति, जन जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों, रोजगार के अवसरों, छत्तीसगढ़ को होने वाले लाभ और जनता के हित के बारे में अगले 15 दिनों में अधिकारियों की टीम बनाकर सर्वेक्षण किया जाए और एजेंडा तय कर बैठक आयोजित की जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से पूछा कि इन रेल परियोजनाओं से छत्तीसगढ़ को और यहां के लोगों को क्या लाभ मिलेगा। लोगों को क्या यात्री परिवहन की सुविधा भी मिलेगी। कितने लोगों को रोजगार मिलेगा।बैठक में छत्तीसगढ़ में प्रस्तावित विभिन्न रेल परियोजनाओं पर दिए जा रहे प्रस्तुतिकरण के दौरान अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश की कोयला खदानों में उत्पादित होने वाले कोयले के परिवहन के लिए मुख्य रूप से इन रेल परियोजनाओं को प्रारंभ किया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्य रूप से कोयले की रायल्टी राज्य को प्राप्त होगी।विकसित होने वाले कोल ब्लाकों से कोयला गुजरात, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों को भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोयला खदाने घने जंगलों के बीच स्थित हैं कोल ब्लॉक विकसित करने के लिए जंगल उजड़ेंगे। खदानों और रेल लाईन बनने से लोग भी विस्थापित होंगे। पर्यावरण को बड़ा नुकसान पहुंचेगा। इसकी तुलना में रायल्टी काफी कम मिलेगी।
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