नई दिल्ली 20 जून।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रवासी मजदूरों और ग्रामीण लोगों को आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने के लिए आज एक साथ छह राज्यों में गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शुभारंभ किया।
श्री मोदी ने आज बिहार के खगडिया से इस अभियान का वीडियो क्रांन्फ्रेसिंग से शुभारंभ करते हुए कहा कि यह अभियान स्थानीय स्तर पर अवसंरचना निर्माण के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में मददगार होगा। यह अभियान इसी भावना, इसी जरूरत को पूरा करने का बहुत बड़ा माध्यम है। बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिसा, मध्य प्रदेश और राजस्थान इन छह राज्यों के 116 जिलों में यह अभियान पूरे जोर शोर से चलाया जाएगा।
उन्होने इस अवसर पर लद्दाख में देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे चाहते है कि इस घड़ी में पूरा देश इन जवानों और इनके परिवारों के साथ खड़ा हो।
श्री मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के कारण कई कुशल कामगार अपने घर लौट गए। ऐसे में इन कुशल मजदूरों की मदद से सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में ढांचागत निर्माण को बढ़ावा देकर संकट की इस घड़ी को अवसर में बदलना चाहती है। उन्होने कहा कि सरकार का यह प्रयास है कि मजदूरों को उनके घर के पास ही रोजगार मिले। उन्होंने कहा कि अब तक ये मजदूर शहरों के विकास में योगदान देते रहे लेकिन अब वे अपने गांवों का विकास करेंगे।
श्री मोदी ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान पर 50 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसकी मदद से ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक सुविधाएं बनाई जा सकेंगी। उन्होंने कहा कि मजदूरों के कौशल की पहचान की जा रही है ताकि उन्हें उनके हुनर के हिसाब से रोजगार दिया जा सके। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में ग्रामीण भारत के योगदान की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गांवों में जिस तरह से इस संकट की सामना किया है वह शहरों के लिए एक बड़ी सीख है।
यह अभियान बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान के एक सौ 16 ऐसे जिलों में चलाया जाएगा जहां लौटे प्रवासी मजदूरों की संख्या 25 हजार से ज्यादा है। इनमें 27 आकांक्षी जिले भी शामिल हैं। इन जिलों में यह अभियान सामान्य सेवा केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से चलाया जाएगा।