नई दिल्ली 04 नवम्बर।भारतीय जनता पार्टी ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि उनकी गिरफ्तारी भारतीय पत्रकारिता के लिए एक काला दिवस है।
गृह मंत्री अमित शाह, सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर, विदेश मंत्री डॉ. सुब्रहमण्यम जयशंकर, रेल मंत्री पीयूष गोयल, महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी तथा संबित पात्रा ने इसे पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर हमला बताया।
गृहमंत्री श्री शाह ने कहा कि कांग्रेस और उनके सहयोगियों ने लोकतंत्र को एक बार फिर शर्मसार किया है। उन्होंने कहा कि अर्नब गोस्वामी के खिलाफ की गई कार्रवाई व्यक्तिगत स्वतंत्रता और प्रेस की आजादी पर हमला है। उन्होंने कहा कि यह हमें आपातकाल की याद दिलाता है और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले का विरोध किया जाना चाहिए।
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेडकर ने राज्य सरकार द्वारा प्रेस की साथ किए जा रहे व्यवहार पर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह घटना आपातकाल की याद दिलाती है, जब पत्रकारों के साथ इसी तरह का व्यवहार हुआ था। उन्होंने कांग्रेस की भी आलोचना करते हुए कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व वाली यह पार्टी महाराष्ट्र में तानाशाही और आपातकाल की मानसिकता का प्रदर्शन कर रही है।
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने इसे पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर हमला बताया है। एक ट्वीट संदेश में उन्होंने कहा कि जो लोग पत्रकारिता की स्वतंत्रता में विश्वास रखते हैं उन्हें इस मामले में अपनी आवाज उठानी चाहिए।
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने भी महाराष्ट्र में प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले की निन्दा की है। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि यह फासीवादी कदम अघोषित आपातकाल का संकेत है।जबकि कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि मीडिया के जो लोग आज अर्नब के समर्थन में नहीं खड़े होते हैं वे फासीवाद के मूक समर्थक हैं।भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस गिरफ्तारी की भर्त्सना करते हुए कहा कि यह स्वतंत्रत पत्रकारिता की आवाज को दबाने का एक प्रयास है।
इस बीच, महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने आज कहा कि अर्नब गोस्वामी के खिलाफ की गई कार्रवाई न्यायालय के आदेश के पालन में की गई है।उन्होंने कहा कि राज्य में कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है।