रायपुर 12 फरवरी।छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल के आदिवासी किसानों को लाभदायी खेती के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही उनकी माली हालात को बेहतर बनाने के उद्देश्य से 1036 करोड़ रूपए की चिराग परियोजना के लिए आज एमओयू हुआ।
विश्व बैंक सहायतित छह वर्षीय चिराग परियोजना बस्तर संभाग के 7 जिलों के 13 विकास खण्डों तथा मुंगेली जिले के मुंगेली विकास खंड के 1000 गांवों में क्रियान्वित की जाएगी।
चिराग परियोजना के लिए आज त्रिपक्षीय एमओयू केन्द्रीय वित्त मंत्रालय, विश्व बैंक एवं छत्तीसगढ़ सरकार के प्रतिनिधियों के मध्य हुआ।इस अवसर पर वित्त मंत्रालय के अपर सचिव वित्त श्री महापात्रा, कन्ट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद खान, छत्तीसगढ़ शासन कृषि विभाग के संयुक्त सचिव विलास भोस्कर संदीपन भी उपस्थित थे।
’चिराग’ योजना का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के अनुसार उन्नत कृषि, उत्तम स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से पोषण आहार में सुधार, कृषि एवं अन्य उत्पादों का मूल्य संवर्धन कर कृषकों को अधिक से अधिक लाभ दिलाना है। परियोजना अंतर्गत समन्वित कृषि, भू एवं जल संवर्धन, बाड़ी एवं उद्यान विकास, उन्नत मत्स्य एवं पशुपालन दुग्ध उत्पादन के अतिरिक्त किसान उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) द्वारा कृषकों के उपज की मूल्य संवर्धन कर अधिक आय अर्जित करने के कार्य किए जाएंगे। उक्त परियोजना का क्रियान्वयन गौठानों को केन्द्र में रखकर किया जाएगा।