नई दिल्ली 23 फरवरी।विदेशमंत्री डॉ.एस.जयशंकर ने कहा है कि मानवाधिकार के मुद्दे के सामने अब भी आतंकवाद सहित कई बड़ी चुनौतियां हैं।
डा.जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकर परिषद के 46वें सत्र में उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि दुनिया में चाहे असमानता का सवाल हो, या सशस्त्र संघर्ष का, मानवाधिकार संबंधी चुनौतियां लगातार चिंता का विषय बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के प्रकोप ने दुनिया के कई भागों में स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए उन्होंने जहां एकजुट होने की आवश्यकता पर जोर दिया, वहीं बहुपक्षीय संगठनों और प्रणालियों में सुधार को भी जरूरी बताते हुए चुनौतियों से कारगर तरीके से निपटने को भी कहा।
उन्होने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता के खिलाफ बहुत बड़ा अपराध है जो मनुष्य के सबसे महत्वपूर्ण मौलिक अधिकार, यानी जीवन के अधिकार का उल्लंघन करता है। उन्होंने कहा कि भारत एक अर्से से आतंकवाद से पीडि़त रहा है और इसके खिलाफ वैश्विक संघर्ष में अग्रिम पंक्ति में खड़ा है।
विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले महीने भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समक्ष आतंकवाद से निपटने के लिए आठ सूत्री कार्ययोजना पेश की थी। उन्होंने कहा कि भारत अपनी कार्ययोजना पर अमल सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा परिषद के सदस्यों और अन्य देशों के साथ मिलकर कार्य करना जारी रखेगा।