
अहमदाबाद 19 अक्टूबर।गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री सुरेश मेहता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गुजरात की भाजपा सरकार पर किसान विरोधी और कार्पोरेट हित वाले फैसले लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि 13 वर्ष में गुजरात पर 33 गुना कर्ज बढ़ गया है।
अक्टूबर 95 से सितंबर 96 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे श्री मेहता ने समाचार वेबसाइट द वायर को दिए इंटरव्यू में यह खुलासा करते हुए कहा कि..उन्हें लगता है कि आगामी गुजरात चुनाव में बीजेपी की स्थिति डांवाडोल हो सकती है..।श्री मेहता के अनुसार“गुजरात में इस बार विकास का गुजरात मॉडल नहीं बिकेगा…गुजरात मॉडल केवल शब्दों की बाजीगरी है। गुजरात की जमीनी सच्चाई कुछ और ही कहानी बयाँ करती है।” नरेन्द्र मोदी को जब केशुभाई पटेल की जगह गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया तो मेहता उनके मंत्रिमंडल में थे।
श्री मेहता ने द वायर से कहा, “साल 2004 में भारत के नियंत्रक और महालेखा परिक्षक (कैग) ने गुजरात की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की थी। उस समय राज्य सरकार पर चार से छह हजार करोड़ के बीच कर्ज था। इसलिए कैग ने राज्य को आगाह किया था कि वो कर्ज की दुष्चक्र में न फंसे। लेकिन सरकार ने कैग की बात को नजरअंदाज किया। राज्य सरकार द्वारा पेश किए गये ताजा बज़ट के अनुसार साल 2017 में गुजरात पर कर्ज बढ़कर एक लाख 98 हजार करोड़ हो चुका है।उन्होने कहा कि ये मेरे आंकड़े नहीं हैं बल्कि ये सरकार के अपने आंकड़े हैं। जिसे फरवरी 2017 में राज्य सरकार ने गुजरात फिस्कल रिस्पांसबिलिटी एक्ट 2005 के तहत जारी बयान में घोषित किया गया।”
उन्होने गुजरात की बीजेपी सरकार पर किसानों को मिलने वाली छूट में कमी करने का भी आरोप लगाया। मेहता ने द वायर से कहा, “…उसी दस्तावेज से पता चलता है कि गुजरात सरकार की प्राथमिकता क्या है। कृषि मद में दी जाने वाली छूट (सब्सिडी) जिसका लाभ किसानों को मिलता है वित्त वर्ष 2006-07 से लगातार कम होती जा रही है। वित्त वर्ष 2006-07 में 195 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2007-08 में 408 करोड़ रुपये की छूट दी गयी थी जो वित्त वर्ष 2016-17 में घटकर 80 करोड़ रुपये रह गयी है।”
श्री मेहता ने आरोप लगाया कि गुजरात की बीजेपी सरकार किसानों की छूट कम करने के साथ ही अडानी और अंबानी जैसे कारोबारियों को फायदा पहुँचाने वाली ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल सेक्टर में छूट बढ़ाती जा रही है।श्री मेहता ने कहा कि “…इस (किसानों की) छूट की तुलना ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल सेक्टर की दी जा रही छूट से करिए, जो अडानी और अंबानी चलाते हैं। वित्त वर्ष 2006-07 में इन सेक्टर को मिलने वाली 1873 करोड़ की छूट वित्त वर्ष 20-16-17 में बढ़कर 4471 करोड़ रुपये (संशोधित आंकड़े) हो गयी।” मेहता ने दावा किया कि गरीब और आम लोगों को प्रभावित करने वाला खाद्य एवं आपूर्ति का बजट भी बीजेपी सरकार ने 130 करोड़ रुपये से घटाकर 52 करोड़ रुपये कर दिया।
श्री मेहता ने आरोप लगाया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के लिए भी नर्मदा परियोजना फंड से पैसा दिया जा रहा है। मेहता ने दावा किया कि गुजरात के वित्त मंत्री ने विधान सभा में बताया कि नर्मदा प्रोजेक्ट फंड से तीन हजार करोड़ रुपये सरदार पटेल की मूर्ति बनाने के लिए दिए गए हैं। मेहता ने पूछा कि सरकार सिंचाई और किसानों के हित के लिए बनाए गए फंड का पैसा मूर्ति बनाने में कैसे खर्च कर सकती है? श्री मेहता ने नरेंद्र मोदी को घेरते हुए कहा कि उनसे शीर्ष पर आने से पहले बीजेपी अलग तरह की पार्टी थी।
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