रायपुर 17 जून।भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने भूपेश सरकार पर राज्य की वित्तीय स्थिति को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए राज्य की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की हैं।
डा.सिंह ने आज यहां आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में यह मांग करते हुए आरोप लगाया कि वित्तीय स्थिति बदहाल होने के कारण राज्य में उऩकी सरकार के समय के अधूरे कार्य जहां पूरे नही हुए है वहीं सड़क,पुल,अस्पताल एवं अद्योसंरचना के अन्य सभी कार्य ठप पड़े है। उन्होने वित्त वर्ष 2020-21 के आकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह स्थिति कुल राजस्व व्यय के 88 प्रतिशत पहुंच जाने एवं पूंजीगत व्यय पर महज 12 प्रतिशत राशि खर्च होने के कारण निर्मित हुई है।
उन्होने कहा कि राज्य का राजस्व घाटा 20 वर्षों में पहली बार रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। उन्होने कहा कि भूपेश सरकार ने ढ़ाई वर्षों में 40 हजार करोड़ का रिकार्ड ऋण लिया है जिसके ब्याज के रूप में 5600 करोड़ की अदायगी करनी पड़ रही है।उन्होने कहा कि 2003 में जब उनकी सरकार सत्ता में आई थी तो उसे आठ हजार करोड़ का ऋण विरासत में मिला था। उसने औसतन 2200 करोड़ प्रतिवर्ष,15 वर्षों में कुल 37 हजार करोड़ का ऋण लिया,जबकि भूपेश सरकार ने प्रति वर्ष 15 हजार करोड़ का ऋण लिया,औऱ अपना कार्यकाल पूरा करते तक एक लाख पांच हजार करोड़ का ऋण ले चुकी होंगी।
डा.सिंह ने भूपेश सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा,गेरूआ,घुरवा बारी योजना को ढ़ाई वर्ष के कार्यकाल की सबसे असफल योजना करार देते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर पशुओं की भीड़ खुद इसकी असफलता को बया करते दिख जायेंगी।उन्होने कहा कि पूर्ण शराबबंदी करने का गंगाजल लेकर सौगन्ध खाने वाली कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद शराब की बिक्री गांव गांव में हो रही है।इनकी कोई नीति नही है।इस मुद्दो को लेकर कांग्रेस को समर्थन देने वाली गांव की महिलाएं ठगी महसूस कर रही है।गांव गांव में जब भाजपा के लोग लोगो के बीच जाकर इस वादे का जिक्र कर रहे है तो कांग्रेस सरकार जवाब देने की बजाय उल्टे भाजपा से सवाल कर रही है।
उन्होने कहा कि इस सरकार ने ढ़ाई वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया,और इसकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है।इतना समय किसी सरकार के वादे पूरा करने की दिशा में कारगर कार्य करने के लिए काफी होते है।उन्होने भाजपा ने सरकार से अपनी ढ़ाई वर्ष की उपलब्धि बताने का अनुरोध किया,तो वह निराश है और अपने कार्यों को गिनाने की बजाय उनके प्रदेश अध्यक्ष सवाल कर रहे है। उन्होने कहा कि हम तो पूछेंगे कि शिक्षक भर्ती का क्या हुआ,तीन लाख नए पद सृजित करने का क्या हुआ,बेरोजगारी भत्ते,दो वर्ष का धान का बकाया बोनस,वृद्दावस्था,विधवा पेंशन पर किए वादे का क्या हुआ।
डा.सिंह ने कहा कि गांव गरीब की हितैषी होने का दम्य भरने वाली इस सरकार के कार्यकाल में यहीं वर्ग सबसे ज्यादा त्रस्त है।छत्तीसगढ़ से बड़ी संख्या में श्रमिक प्रतिवर्ष पलायन कर दूसरे राज्यों में जाते है।उनको पलायन के दौरान भी रियायती खाद्यान्न मिल सके इसके लिए केन्द्र सरकार ने वन नेशन वन राशन कार्ड योजना शुरू की,लेकिन भूपेश सरकार ने इसमें कोई रूचि नही ली।इसी प्रकार राज्य के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत चार लाख 80 हजार मकान राज्य का अंशदान नही होने के चलते वापस हो गए।इससे गरीबों का ही नुकसान हुआ है,और सभी को आवास मुहैया करवाने के केन्द्र के प्रयासों को धक्का लगा है।