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इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण इकाईयों को हर संभव मदद- अकबर

रायपुर 14 सितम्बर।छत्तीसगढ़ के परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल देते हुए राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण इकाईयों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया हैं।

श्री अकबर आज यहां अपने निवास कार्यालय में परिवहन विभाग द्वारा इलेट्स टेक्नोमीडिया के सहयोग से वर्चुअल रूप से आयोजित ’छत्तीसगढ़ इलेक्ट्रिक व्हीकल कॉन्क्लेव’ को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम उद्योग और नागरिकों को इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति सरकार की नीतियों के बारे में जागरूक करने के एक अच्छा मंच तैयार करेगा। इसका उद्देश्य राज्य में ई-मोबिलिटी क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करना है।उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ को ’इलेक्ट्रिक व्हीकल हब’ तथा पर्यावरण प्रदूषण रहित राज्य के रूप में नई पहचान देना है। इसके लिए राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन तथा इसके घटक निर्माण के लिए कम्पनियों को आमंत्रित किया जाता है। राज्य शासन द्वारा उन्हें हर आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराई जाएगी।

उन्होने कहा कि वर्तमान स्थिति में वायु प्रदूषण पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय बना हुआ है तथा इसके रोकथाम के लिए अनेक उपाय किए जा रहे हैं। वायु प्रदूषण में कमी लाने तथा उर्जा की मांग को दृष्टिगत रखते हुए सौर ऊर्जा का उपयोग मुख्य विकल्प के रूप में परिलक्षित हो रही है।ऐसी स्थिति में इलेक्ट्रिक वाहन एक अच्छे विकल्प के रूप में उभरकर आया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कुल वाहनों की संख्या 66 लाख 20 हजार 427 है। इनमें 3 लाख माल वाहक वाहन तथा लगभग 55 लाख दोपहिया वाहन शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न सुविधाएँ उपलब्ध करायी जा रही है। इनमें ई-कार्ट तथा ई-रिक्शा में पांच वर्षों के लिये मोटरयान कर में छूट प्रदान किया गया हैं। छत्तीसगढ़ राज्य अत्यावसायी, सहकारी वित्त एवं विकास निगम द्वारा बैटरी चलित ई-रिक्शा के लिये ऋण प्रदान किया जाता है। ई-रिक्शा एवं ई-कार्ट वाहनों का फिटनेस, नवीनीकरण तीन वर्षों के लिये किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार व्दारा निर्माण श्रमिक ई-रिक्शा सहायता योजना लागू की गई है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल व्दारा 50 हजार रूपये अनुदान के रूप में एकमुश्त दिया जा रहा है। इलेक्ट्रिक वाहनों को मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 66 के अधीन परमिट से छूट भी दी गई है।