रायपुर 24 जनवरी।सीमा सुरक्षा बल (विशेष ऑपरेशन) के अतिरिक्त महानिदेशक आर.एस.भट्टी ने आज यहां दावा किया कि ओडिशा में नए नक्सलियों की भर्ती नगण्य हो चुकी है जबकि छत्तीसगढ़ में भी इसमें भारी गिरावट दर्ज की गई है।
श्री भट्टी ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि सीमा सुरक्षा बल एवं राज्य पुलिस द्वारा प्रभावकारी क्षेत्रीय प्रभाव तथा विश्वास निर्माण के उपायों की बदौलत लोगों में नक्सली विचारधारा के प्रति आकर्षण में भारी कमी आई है।उन्होने कहा कि पिछले एक दशक से अधिक समय से सीमा सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ एवं उड़ीसा पुलिस एवं प्रशासन को नक्सल समस्या से निपटने में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान कर रही है। वर्तमान में सीमा सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ राज्य के कांकेर, नारायणपुर तथा कोंडागांव एवं उड़ीसा के मलकानगिरी तथा कोरापुट जिलों में तैनात है।
उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक से अधिक समय में नक्सलियों से लड़ते हुए सीमा सुरक्षा बल ने अपने 38 बहादुर अधिकारियों एवं जवानों की शहादत दी है तथा 1650 माओवादियों की गिरफ्तारी की है, 18 माओवादियों को मार गिराया एवं 891 माओवादियों को सरेंडर होने पर मजबूर किया है। साथ ही साथ बीएसएफ ने 1473 हथियार, 958 आईडी(IED), 3,176 किलोग्राम बारूद की जब्ती भी किया है। वर्ष 2021 में BSF द्वारा कुल 15 हथियार, 54 IED की जब्ती की गई और 14 माओवादियों को सरेंडर अथवा गिरफ्तार करवाया या किया है ।
उन्होंने बताया कि सीमा सुरक्षा बल नागरिकों के दिल एवं मन को जीतने के लिए लगातार प्रयासरत रही है।बीएसएफ द्वारा वर्ष 2020-2021 के दौरान नागरिकों की चिकित्सा के लिए छत्तीसगढ़ के कांकेर तथा नारायणपुर जिलों में कुल 24 चिकित्सा कैंप लगाए गए जिनमे आंख, दांत, स्त्री रोग, हड्डी आदि के विशेषज्ञ चिकित्सक की भी उपलब्धता सुनिश्चित की गई।इसी प्रकार ओडिशा में भी 22 मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया, जिससे मलकानगिरी एवं कोरापुट जिलों के लगभग 230 गांव के 4,362 लोगों को लाभ हुआ।चिकित्सा कैंप मलकानगिरी और कोरापुट जिलों के सुदूर अंदरूनी ब्लॉक के गांवों में भी लगाए गए।
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