रायपुर 06 नवम्बर।छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर दी जाने वाली ग्रेच्युटी (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपादान) की अधिकतम सीमा दोगुनी कर दी है।अब उन्हें अधिकतम 10 लाख रूपए के स्थान पर 20 लाख रूपए तक ग्रेच्युटी मिलेगी।
वित्त विभाग की कमान संभाल रहे मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के अनुमोदन के बाद वित्त विभाग ने आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से इस आशय का आदेश जारी कर दिया। आदेश के अनुसार यह प्रावधान एक जनवरी 2016 को सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिलेगा। विगत एक जनवरी 2016 के बाद दिवंगत हुए कर्मचारियों के परिवारों को भी बढ़ी हुई गेच्युटी का लाभ मिलेगा।
वित्त विभाग द्वारा अध्यक्ष राजस्व मंडल सहित शासन के सभी विभागों, विभागाध्यक्षों, संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को परिपत्र में जारी आदेश में कहा गया है कि 19 मई 2017 को जारी अधिसूचना के अनुसार राज्य शासन द्वारा शासकीय सेवकों के वेतन का पुनरीक्षण एक जनवरी 2016 से किया गया है। राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि एक जनवरी 2016 को अथवा उसके बाद सेवानिवृत्त या दिवंगत हुए शासकीय कर्मचारियों के पेंशन और परिवार पेंशन के हितलाभों का भी पुनरीक्षण किया जाए। परिपत्र के अनुसार पेंशन, परिवार पेंशन, पेंशन सारांशीकरण, अवकाश नगदीकरण का निर्धारण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 के प्रावधानों के अनुसार पुनरीक्षित वेतनमान में किया जाएगा।
परिपत्र में वित्त विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के अंतर्गत देय मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपादान की अधिकतम सीमा 20 लाख रूपए निर्धारित की गई है। इसके लिए सुसंगत नियमों में संशोधन अलग से किया जाएगा। इसके साथ ही पेंशन एवं परिवार पेंशन की न्यूनतम मासिक राशि 7750 रूपए (वृद्धजनों को प्राप्त अतिरिक्त पेंशन को छोड़कर) तय की गई है। आज के ताजा आदेश के अनुसार पेंशन और परिवार पेंशन की अधिकतम सीमा राज्य शासन के कर्मचारियों को पुनरीक्षित वेतनमान में प्राप्त अधिकतम वेतन का क्रमशः 50 प्रतिशत एवं 30 प्रतिशत निर्धारित की गई है। इसके लिए भी सुसंगत नियमों में अलग से संशोधन किया जाएगा।
परिपत्र में बताया गया है कि पुनरीक्षित पेंशन और परिवार पेंशन की राशि का भुगतान पेंशन भुगतानकर्ता द्वारा पूर्व में किए गए भुगतानों को समायोजित करते हुए किया जाएगा।
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