नई दिल्ली 21 अप्रैल।गृहमंत्री अमित शाह ने आतंकवाद को मानवाधिकार उल्लंघन का सबसे बड़ा कारण बताते हुए इसे समाप्त करने कीआवश्यकता पर बल दिया है।
श्री शाह ने आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए)के कार्यक्रम में कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है और एनआईए देश से इस खतरे को समाप्त करने के लिए काम कर रही है।उन्होने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास रहा है कि आतंकवाद संबंधी सभी सूचनाओं को देशभर की पुलिस और सभी एजेंसियों के साथ साझा करने में एक समन्वय स्थापित किया जाए।आतंकवाद विरोधी कानूनों को मजबूत और पुख्ता बनाया जाए।
उन्होने जम्मू-कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि टेरर फंडिंग पर कार्रवाई से वहां आतंकवाद को रोकने में काफी मदद मिली है।श्री शाह ने पुलिस जांच प्रणाली में बदलाव की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यह प्रौद्योगिकी और आंकडों पर आधारित होनी चाहिए।
श्री शाह ने विवेचना थर्ड डिग्री पर निर्भर नहीं होना चाहिए। इन्वेस्टिगेशन तकनीक की डिग्री पर निर्भर होना चाहिए।इन्वेस्टिगेशन डेटा की डिग्री पर निर्भर होना चाहिए और इन्वेस्टिगेशन इन्फारमेशन की डिग्री पर निर्भर होना चाहिए। मगर यह परिवर्तन लाना है तो डेटा बेस बनाने पडेंगे और डिजिटल फॉरेंसिक के साथ भी दक्षता हासिल करनी पडेगी। मादक पदार्थ, हवाला ट्रान्जेक्शन, हथियारों की तस्करी, जाली मुद्राएं, बम धमाके, टेरर फंडिंग और टेररिज्म, इतने सात क्षेत्रों में एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने का काम दिया गया है।
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