सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को बिना समय गंवाए कोरोना मृतकों के परिजनों को मुआवजे का भुगतान करने का निर्देश दिया है। अगर किसी दावेदार को मुआवजा राशि का भुगतान न किए जाने की शिकायत है। या फिर, उनका दावा ठुकराए जाने के संबंध में कोई शिकायत है तो वे संबंधित शिकायत निवारण समिति का रुख कर सकते हैं। जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्न की बेंच ने सोमवार यह आदेश दिया। पीठ ने शिकायत निवारण समिति को दावेदारों के आवेदन पर चार सप्ताह के भीतर फैसला लेने का निर्देश भी जारी किया।
आंध्र प्रदेश सरकार पर राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) के खाते से व्यक्तिगत जमा खातों में धन ट्रांसफर करने का आरोप लगाया गया है। इसे लेकर दायर याचिका पर पीठ ने संबंधित धनराशि को दो दिनों के भीतर एसडीआरएफ खाते में भेजने का निर्देश दिया। बेंच ने कहा, “हम सभी राज्यों को हमारे पूर्व के आदेश के तहत पात्र लोगों को बिना देरी किए मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश हैं। अगर किसी दावेदार को कोई शिकायत है तो वह संबंधित शिकायत निवारण समिति का रुख कर सकता है।”
SC ने आंध्र प्रदेश सरकार को भी लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले आंध्र सरकार को एसडीआरएफ से व्यक्तिगत जमा खातों में धन भेजने का आरोप लगाने वाली याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए ‘आखिरी मौका’ दिया था। न्यायालय ने राज्य सरकार पर धन ट्रांसफर करने पर रोक लगाते हुए उसे इस संबंध में एक नोटिस भी जारी किया था।
याचिकाकर्ता पल्ला श्रीनिवास राव की तरफ से पेश अधिवक्ता गौरव बंसल ने तर्क दिया था कि आंध्र सरकार ने एसडीआरएफ खाते से व्यक्तिगत जमा खातों में धन स्थानांतरित किया है, जो आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत वैध नहीं है। बंसल ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 46(2) के तहत निर्धारित कार्यों से अलग कामों के लिए एसडीआरएफ के धन का इस्तेमाल कर रही है।