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भूपेश सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव ध्वनि मत से अस्वीकृत

रायपुर, 28 जुलाई।विपक्ष द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार के विरूद्ध विधानसभा में लाया गया अविश्वास प्रस्ताव लगभग 13 घंटे की मैराथन चर्चा के बाद देर रात आखिरकार ध्वनि मत से अस्वीकृत हो गया।अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष-विपक्ष में सदस्यों ने अपनी-अपनी बाते रखी और अविश्वास प्रस्ताव के बिन्दुओं पर जोरदार चर्चा की।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पक्ष विपक्ष की लम्बी चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष के सदस्यों ने हमें हमारे वायदे को याद दिलाया। उन्होंने कहा कि 15 साल सत्ता में रहने के बाद भी, जो छत्तीसगढ़ की आत्मा, जनता जनार्दन की इच्छा और पुरखों के सपने को समझ नहीं पाए और अपना वादा पूरा नहीं कर पाए। वह आज हमें वादा याद दिला रहे हैं। उन्होने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष के वरिष्ठ सदस्य द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि देश में 29 राज्य हैं और छत्तीसगढ़ देश में 36वें स्थान पर है, यह कहना सरासर असत्य है।

उन्होने सरकारी योजनाओं के प्रचार पर अत्यधिक राशि खर्च करने के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक विज्ञापन के 218 करोड़ का भुगतान किया इसमें से 100 करोड़ रुपए पूर्व सरकार के विज्ञापन की देनदारी थी। कहा गया कि गौधन न्याय योजना में विज्ञापन पर 120 करोड़ रुपये खर्च किये गये जबकि वास्तविकता यह है कि वर्ष 2020-21 में 7.44 करोड़ और वर्ष 2021-22 में 2.66 करोड़ अर्थात् दोनों वर्षों के व्यय को मिलाकर केवल कुल 10 करोड़ 10 लाख रुपए खर्च किए गए।

श्री बघेल ने कहा कि हमारी सरकार गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का स्लोगन लेकर चल रही है। हमने किसानों, राज्य के लोगों का भला करने के लिए कर्ज लिया। हम व्यक्ति को केंद्र में रखकर योजना बना रहे है। स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, सुपोषण को ध्यान में रखकर काम कर रहे है। दो वर्ष कोरोना के बावजूद स्वास्थ्य, शिक्षा, रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराये। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने जल जीवन मिशन लागू किया है इसके तहत हर घर को नल से जल देने की योजना है। हर घर नल से जल पहुंचाने के लिए पानी का इंतजाम किस तरह होगा। इसकी कोई प्लानिंग केन्द्र सरकार नहीं की है। जब पानी ही नहीं होगा तो हर घर में नल से जल कैसे पहुंचाया जा सकता है।

उऩ्होने कहा कि छत्तीसगढ़ में हम जल का प्रबंधन करने के लिए नरवा उपचार कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं, ताकि जल की व्यवस्था बेहतर हो। नरवा प्रोजेक्ट के जरिए जल संरक्षण कर रहे हैं ताकि सतही जल का उपयोग हो सके। हमने हाट-बाजार क्लिनिक योजना शुरू की और शहर में स्लम स्वास्थ्य योजना बनाई। आज पूरे प्रदेश में आत्मानंद स्कूल की माँग है। 27 विधानसभा का दौरा किया है मैंने। आज आदिवासी क्षेत्रों में बैंक की माँग आ रही है। आम जनता की माँग है बैंक खोलने के लिए.. क्योंकि हमने शासन के विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लोगों के जेब में राशि पहुंचा रहे हैं।

उन्होने कहा कि आज राज्य के आदिवासी अंचल की समूह की महिलाएं सिंगापुर के अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी बात रख रही है। उन्हें काम भी मिल रहा है और सम्मान भी मिल रहा है। विकास, विश्वास और सुरक्षा को केन्द्र में रखकर हमारी सरकार काम कर रही है। राजनांदगाँव से अंतागढ़, नारायणपुर, ओरछा-बारासूर तक सड़क बनी है। आज नक्सली दबाव में हैं। अब वह छत्तीसगढ़ से पलायन कर रहे है।उन्होने कहा कि राज्य में 14 नक्सल प्रभावित जिले, 18 फीसद झोपड़ी, 40 प्रतिशत गरीबी सहित कई समस्याएं हमको विरासत में मिली थी।

श्री बघेल ने कहा कि यह हमारा वादा है कि हम किसानो का पूरा धान खरीदेंगे चाहे केंद्र से राशि मिले या न मिले। केंद्र सरकार राशि दे या नहीं दे। चावल खरीदे या नहीं खरीदे। हम किसानों से धान समर्थन मूल्य में खरीदेंगे। हमने जो वादा किया वह निभाया है। हम किसी भी स्थिति में अन्नदाताओं के साथ धोखा नहीं करेंगे। आज स्थिति यह है कि छत्तीसगढ़ में साल दर साल खेती का रकबा बढ़ रहा है। किसानों की संख्या और उत्पादन में भी बढ़ोतरी हो रही है। लोग अब गांवों से शहरों की ओर पलायन करने के बजाय ऐसे परिवार जो खेती-किसानी छोड़कर शहरों में आ बसे थे, अब वह गांवों की ओर लौटने लगे हैं।

उऩ्होने विपक्षी सदस्यों को उऩके आरोपो पर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हम व्यक्ति को केन्द्र में रखकर योजनाएं बनाते हैं। हमने छत्तीसगढ़ को कुपोषण से मुक्त करने, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने के लिए काम किया है।उन्होने बस्तर में आज से साढ़े तीन साल पहले मलेरिया के प्रकोप की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के माध्यम से इसमें भारी कमी आयी है। उल्टी दस्त की महामारी और बीमारी से लोगों को बचाने के लिए हाट-बाजार क्लिनिक योजना, शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना की शुरूआत की।उन्होने कहा कि आप सब हमारी सरकार की योजनाओं के लिए बजट कहां से आएगा। यह बात कहते हैं,उन्होने कहा कि जो संसाधन हमारे पास उपलब्ध है। उसी संसाधन से हम जनता की हित में काम कर रहे हैं।

श्री बघेल ने कहा कि इस साल हम 110 लाख मैट्रिक टन धान खरीद करेंगे। कोटो-कुटकी, मक्का की भी खरीद कर रहे हैं।  गोधन न्याय योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि आप इसलिए अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं कि हम ग्रामीण गौपालकों से गोबर की खरीदी कर रहे हैं। गौमूत्र की खरीदी करने जा रहे हैं। क्या यह मुद्दा अविश्वास के लायक है। गोधन न्याय योजना की देश-दुनिया में तारीफ हो रही है और आपने इसे अविश्वास का मुद्दा बनाया है।उन्होने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग आज की ज्वलंत समस्या है। एक सेंटीग्रेड तापमान बढ़ने से गेहूं का उत्पादन 20 प्रतिशत घटा है। सुराजी गांव योजना गोधन न्याय योजना ग्लोबल वार्मिंग सहित कई समस्याओं के निदान में सहायक है। उन्होने कहा कि इससे पर्यावरण को संरक्षण मिला है। गांवों में रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं। उन्होने कहा कि हम सरकारी योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को सीधे डीबीटी के माध्यम से दे रहे हैं। इसमें भ्रष्टाचार की बात पूरी तरह से असत्य है।

उन्होने राज्य में कोयले की अफरा-तफरी और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपने जवाब में कहा कि राज्य में 58 कोयला खदानें हैं, जिसमें से 52 खदाने भारत सरकार के अधीन एसईसीएल द्वारा संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमें गड़बड़ी की शिकायत मिली थी, हमने बिना किसी भेद-भाव के सब की जांच कराई है। जहां गड़बड़ी मिली है, वहां कार्यवाही होगी। चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा की जा रही कार्यवाही का भी श्री बघेल ने विस्तार से उल्लेख किया और कहा कि राज्य में चिटफंड कंपनियों द्वारा जनता की गाढ़ी कमाई की लूट पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई। छत्तीसगढ़ राज्य देश का एक मात्र राज्य है जो चिटफंड कंपनियों पर कार्यवाही कर उनसे राशि की वसूली कर रहा है और धोखा-धड़ी के शिकार हुए निवेशकों को उनकी राशि वापस लौटा रहा है। उन्होने कहा कि अब तक 40 करोड़ रूपए लोगों को वापस किए जा चुके हैं।