स्टार्टअप कंपनी ओला (OLA) अपने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कारोबार को बढ़ाने के लिए खर्च में कटौती कर रहा है। इसके लिए ओला अपने दूसरे सेगमेंट से करीब 1,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की प्रक्रिया में है। हालांकि, कंपनी ने इसे ‘कोस्ट-कटिंग’ के बजाय ‘फेरबदल’ प्रोसेस कहा है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के सूत्रों और भर्ती एजेंसियों ने कहा कि अर्बन मोबिलिटी फर्म ओला अपने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी बिजनेस के लिए करीब 1,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की प्रक्रिया में है। कंपनी ने अपने कई कर्मचारियों को पिंक स्लिप देना शुरू कर दिया है।
क्या है ओला की योजना?
ईटी ने सूत्रों के हवाले से कहा कि ओला ने अपने कर्मचारियों से खुद से इस्तीफा देने के लिए कहा है। सूत्रों ने मुताबिक, ‘कंपनी कई ऐसे कर्मचारियों की मूल्यांकन प्रक्रिया में देरी कर रही है, जिन्हें कंपनी बर्खास्त करना चाहती है, ताकि वे खुद इस्तीफा दें।’ बता दें कि कंपनी अब पूरी तरह इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कारोबार पर फोकस होना चाह रही है। इसके लिए बड़े लेवल पर कर्मचारियों की हायरिंग चल रही है। यह हायरिंग मोबिलिटी, हाइपरलोकल, फिनटेक और ओला इलेक्ट्रिक वर्टिकल के लिए चल रही है। सूत्रों ने कहा,”ओला इलेक्ट्रिक इलेक्ट्रिक कारों और इसके अलावा सेल विकास के लिए लगभग 800 लोगों की भर्ती करने की योजना बना रही है।”
क्या है ओला की योजना?
बता दें कि ओला इलेक्ट्रिक ने भारत में स्थानीय रूप से बैटरी सेल बनाने के लिए पीएलआई योजना के तहत भारी उद्योग मंत्रालय के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों पक्षों ने 28 जुलाई को समझौते पर हस्ताक्षर किए। ओला इलेक्ट्रिक अपनी महत्वाकांक्षी ₹80,000 करोड़ की सेल पीएलआई योजना के तहत सरकार द्वारा चुनी गई एकमात्र भारतीय ईवी कंपनी है, जिसे मार्च में अपनी बोली के लिए अधिकतम 20 गीगावॉट की क्षमता प्राप्त हुई है।