साल 2018 में हुए भीमा कोरेगांव हिंसा के मामले में आरोपी कार्यकर्ता और कवि डॉ पी वरवरा राव को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है। यह जमानत मेडकल के आधार पर दी गई है। जानकारी के मुताबिक पहले से मिली अंतरिम जमानत को सुप्रीम कोर्ट ने नियमित किया है। इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने 83 साल के राव की याचिका ठुकरा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने रखी है यह शर्त
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 की भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े इस मामले में राव को जमानत देते हुए शर्त रखी है कि वह ट्रायल कोर्ट की मंजूरी के बिना शहर न छोड़ें, गवाहों से संपर्क करने की कोशिश न करें। वरवरा राव को 28 अगस्त 2018 को हैदराबाद से अरेस्ट किया गया था। वरवरा पर भीमा-कोरेगांव कांड में कई गंभीर आरोप लगे हैं।
कोर्ट से नियमित जमानत देने की मांग की थी
वरवरा राव ने मेडिकल आधार पर कोर्ट से नियमित जमानत देने की मांग की थी। वरवरा राव की नियमित जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी से जबाव दाखिल करने को कहा था। न्यायमूर्ति यूयू ललित की एक पीठ ने एनआईए को नोटिस जारी किया था और कहा था कि मामले पर 10 अगस्त को सुनवाई की जाएगी। उस दौरान कोर्ट ने यह भी कहा था कि राव को दी गई अंतरिम सुरक्षा जारी रहेगी।
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने किया था खारिज
आरोपी राव के मेडिकल आधार पर स्थायी जमानत संबंधी उनकी अपील को बॉम्बे उच्च न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने इस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। बता दें कि साल 2018 में हुई भीमा कोरेगांव हिंसा में कवि वरवरा राव पर कई आरोप लगे हैं।
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