आज 15 अगस्त के दिन एसबीआई ने अपने ग्राहकों को एक बड़ा झटका दिया है। भारत के सबसे बड़े ऋणदाता बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने आज यानी कि 15 अगस्त से अपना लोन महंगा कर दिया है। बैंक ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) में वृद्धि की है। इससे लोन लेने वाले ग्राहकों की ईएमआई पर बोढ़ बढ़ेगा। लोन लेने वाले लोगों को अब ब्याज दरों के रूप में पहले से ज्यादा कर्ज चुकाना पड़ेगा। एक वर्षीय एमसीएलआर को रिटेल लोन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि बैंक के लॉन्ग टर्म लोन जैसे होम लोन इस दर से जुड़े होते हैं।
SBI MCLR दर
बैंक ने एक रात से तीन महीने की SBI MCLR दर 7.15 फीसद से बढ़ाकर 7.35 प्रतिशत कर दी गई है। एसबीआई छह महीने की एमसीएलआर 7.45 फीसद से बढ़ाकर 7.65 फीसद कर दी गई है। वहीं, एक साल के 7.7 फीसद को 7.5 फीसद और दो साल के 7.7 फीसद को 7.9 फीसद कर दिया गया है। ऐसे ही तीन साल के 7.8 फीसद को 8 फीसद कर दिया गया है।
पिछले महीने, एसबीआई ने विभिन्न अवधि के लिए फंड आधारित उधार दरों की सीमांत लागत में 10 आधार अंकों की वृद्धि की थी। बता दें कि एमसीएलआर अप्रैल 2016 में आया था, जिसमें बैंकों को उनकी फंडिंग की लागत की कैलकुलेशन करने और फिर अलग-अलग अवधियों में उनके प्रपोजल का मंथली रिव्यू करने के लिए एक फॉर्मूला दिया गया था। एमसीएलआर को बाद में बाहरी बेंचमार्क लिंक्ड दर से बदल दिया गया, ताकि उधार दर सीधे नीतिगत चालों के साथ तालमेल बिठा सके।
एफडी पर एसबीआई देता है कितने फीसद का रिटर्न?
रिजर्व बैंक ने इस महीने रेपो दर में 50 आधार अंकों की तेज वृद्धि की, जिससे कई बैंकों ने उधारकर्ताओं पर विभिन्न प्रकार की उधार दरों में वृद्धि की थी। SBI ने पिछले हफ्ते रिटेल सावधि जमा (FD) पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी। बैंक ने विभिन्न अवधियों पर ब्याज दरों में वृद्धि की थी। इस समय बैंक 7 दिन से 10 वर्ष तक की एफडी पर आम जनता को 2.90% से 5.65% ब्याज और वरिष्ठ नागरिकों को 3.40% से 6.45% की ब्याज दर ऑफर कर रहा है।