बाजार के जानकारों का मानना है कि एसआईपी के जरिए निवेशकों को लंबी अवधि के नजरिए से हमेशा धीरे- धीरे एक निश्चित राशि को निवेश करते रहना चाहिए। इससे उन्हें बाजार के सभी उतार- चढ़ाव का फायदा मिलता है।
नए निवेशकों के लिए जब भी शेयर बाजार में निवेश की बात आती है तो जानकर सलाह देते हैं कि उन्हें एसआईपी (SIP) के जरिए अपनी निवेश यात्रा की शुरुआत करनी चाहिए। एसआईपी एक ऐसा फाइनेंशियल इंस्टूरमेंट है, जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति बड़ी आसानी से लंबी अवधि में एक बड़ा फंड जमा कर सकता है।
बाजार में गिरावट के दौरान देखा गया है कि कई निवेशक अपनी एसआईपी रोक देते हैं और सोचते हैं कि जैसे बाजार में फिर से बढ़त शुरू हो जाएगी, फिर वे दोबारा इस राशि को निवेश करेंगे। ऐसे में वे गिरावट में निवेश करने का एक बड़ा मौका छोड़ देते हैं।
निवेश के अनुशासन जरूरी
निवेश में किसी भी निवेशक का व्यवहार उतना ही जरूरी होता है, जितना उसकी ओर से सही शेयर और म्यूचुअल फंड को चुनना। जब भी बाजार में तेजी होती है तो हर निवेशक लगता है कि सब उसके हिसाब से हो रहा है और उसे निवेशित रहना चाहिए। लेकिन ऐसा ही अनुशासन गिरते हुए बाजार में जरूरी होता है और यह हमारे रिटर्न को बढ़ाने में मदद करता है।
फायदे
अब इसे एक उदाहरण के जरिए समझते हैं। अगर आप यूटीआई निफ्टी इंडेक्स फंड में जनवरी 2019 से अगस्त 2022 तक लगातार 5000 रुपये की मासिक एसआईपी करते, तो आपने अब तक 2.20 लाख रुपये का निवेश किया होता और यह रकम बढ़कर 3.04 रुपये हो गई होती। इस तरह आपको 18.25 प्रतिशत का रिटर्न मिल गया होता।वहीं, बाजार की गिरावट के दौरान अगर आपने अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 तक के लिए एसआईपी बंद कर दी होती, तो अपने अब तक 1.90 हजार रुपये का निवेश किया होता और यह रकम बढ़कर 2.51 लाख रुपये हो चुकी होती। इस दौरान आपको 15.98 प्रतिशत का रिटर्न मिल गया होता।अगर आपने अपनी एसआईपी अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक के लिए रोक दी होती, तो अपने इस दौरान कुल 1.60 लाख रुपये का निवेश किया होता और आपकी रकम 2.11 लाख रुपये हो गई होती। इसमें आपको 15.66 फीसदी का रिटर्न मिल गया होता। इस कैलकुलेशन माना गया है कि निवेश हर महीने की 10 तारीख को एसआईपी देता है। इसमें अपने देखा कि एसआईपी जारी रखने वाले निवेशक को अन्य निवेशकों की तुलना में अधिक लाभ हुआ है।