कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ बोलने वाली नहीं बल्कि सुनने वाली होगी, जहां राहुल गांधी भाषण नहीं देंगे, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को सुनेंगे। राहुल 7 सितंबर को तमिलनाडु में कन्याकुमारी से कश्मीर तक लगभग 3,500 किलोमीटर की पैदल यात्रा शुरू करेंगे। यह यात्रा देश के विभिन्न हिस्सों से होकर गुजरेगी और लगभग 150 दिन में खत्म होगी।
‘भारत बांटने’ की जगह ‘भारत को एकजुट करना’ है उद्देश्य
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी का उद्देश्य भाजपा के ‘भारत बांटने’ के खिलाफ भारत को एकजुट करना है। उन्होंने कहा कि यह पार्टी द्वारा की गई सबसे बड़ी राजनीतिक लामबंदी है और गांधी के पैदल मार्च शुरू करने के पीछे सामाजिक ध्रुवीकरण, आर्थिक असमानता और केंद्र के साथ शक्तियों का संकेंद्रण जैसे कारक है.
‘राहुल गांधी नहीं देंगे भाषण’
- रमेश ने कहा, ‘राहुल गांधी भाषण नहीं देने जा रहे हैं, वह सुनने वाले हैं।’
- उन्होंने कहा, ‘भारत जोड़ो यात्रा बोलने वाली यात्रा नहीं है, बल्कि एक सुनने वाली यात्रा है, जहां राहुल लोगों को उत्सुकता से सुनेंगे।’
- कांग्रेस महासचिव ने कहा कि भाजपा ‘भारत तोड़ो’ में विश्वास करती है, जबकि कांग्रेस ‘भारत जोड़ो’ में विश्वास करती है।’
- उन्होंने कहा कि गांधी पूरी दूरी पैदल तय करेंगे।
- रमेश ने कहा कि सभी समान विचारधारा वाले लोगों को गांधी के साथ पैदल यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।
- उन्होंने कहा कि राहुल कन्याकुमारी में सात सितंबर को एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे।
एम के स्टालिन भी होंगे यात्रा में शामिल
टीएनसीसी प्रमुख केएस अलागिरी ने कहा कि द्रमुक अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन कन्याकुमारी में गांधी के साथ शामिल होंगे और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज कांग्रेस नेता को सौंपेंगे। राहुल द्वारा संबोधित की जाने वाली जनसभा में विभिन्न गठबंधन पार्टी के नेता शामिल होंगे।