पूर्व भारतीय क्रिकेटर एमएस धौनी ने आईपीएस अधिकारी संपत कुमार के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही की मांग करते हुए मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया है। उन्होंने मानहानि के मुआवजे के तौर पर 100 करोड़ रुपये की भी मांग की है।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी ने इंडियन प्रीमियर लीग सट्टेबाजी से संबंधित मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ कथित रूप से टिप्पणी करने के लिए भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी जी संपत कुमार के खिलाफ अदालत की आपराधिक अवमानना याचिका मद्रास हाईकोर्ट के समक्ष दायर की है।
पूर्व क्रिकेटर ने अपने खिलाफ मैच फिक्सिंग के आरोप लगाने के लिए अधिकारी से 100 करोड़ रुपये का मुआवजा भी मांगा। मामले को शुक्रवार को सूचीबद्ध किया गया था। हालांकि, इस पर सुनवाई नहीं हो सकी थी। मंगलवार को इस पर सुनवाई होने की संभावना है।
2013 का मामला
कुमार ने 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के मामलों की जांच की थी। अदालत ने 2014 में संपत कुमार को एमएस धौनी के खिलाफ कोई भी टिप्पणी करने से रोक दिया था। हालांकि, अधिकारी ने कथित तौर पर शीर्ष अदालत के समक्ष एक हलफनामा दायर किया था, जिसमें न्यायपालिका और मद्रास हाईकोर्ट के खिलाफ ‘अपमानजनक’ टिप्पणी थी।
धौनी ने 2014 में दायर किया मानहानि का मुकदमा
धौनी ने अपने हलफनामे में कहा कि उन्होंने 2014 में कुमार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।याचिका में कहा गया है कि तीसरे प्रतिवादी के बयान निंदनीय हैं और न्याय प्रणाली में आम आदमी के विश्वास को झकझोरने में सक्षम हैं।’ यह एक ‘आपराधिक अवमानना का कार्य’ है।
न्याय के प्रशासन में हस्तक्षेप
याचिका में कहा गया है, ‘मैं प्रस्तुत करता हूं कि प्रतिवादी / तीसरे प्रतिवादी के अपने अतिरिक्त लिखित बयान में उनके द्वारा दिए गए बयान न्यायालय के अधिकार को कम करते हैं और न्याय के प्रशासन में हस्तक्षेप और बाधा डालने का प्रभाव भी डालते हैं।’
कुमार ने लगाया आरोप
याचिका में आगे कहा गया है कि कुमार ने शीर्ष अदालत पर ‘कानून के शासन’ पर अपना ध्यान केंद्रित करने और कारणों के लिए सीलबंद लिफाफे में बयान को टालने का आरोप लगाया था। कुमार ने दावा किया था कि धौनी ने आईपीएस अधिकारी को चुप कराने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय में मामला दायर किया था।