दिल्ली से ज्यादा मुंबई की हवा ज्यादा प्रदूषित हो रही है। सप्ताह की शुरुआत में सामने आए आंकड़े बेहद डराने वाले हैं। हालांकि पिछले सप्ताह की तुलना में मुंबई ने बेहतर एक्यूआई लेवल दर्ज किया लेकिन फिर भी यह नाकाफी है। सोमवार को मुंबई का ओवरऑल एक्यूआई लेवल 225 दर्ज हुआ। दिल्ली की तुलना में देखा जाए तो यह काफी खराब है। सोमवार को दिल्ली का समग्र एक्यूआई लेवल 152 था।
ये आंकड़े SAFAR के हैं, जिसने मुंबई का एक्यूआई लेवल दिल्ली से बदतर दिखाया है। दूसरी ओर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों पर नजर डालें तो सोमवार शाम 4 बजे मुंबई का एक्यूआई लेवल 168 (मध्यम) और दिल्ली का एक्यूआई लेवल 218 (खराब) दर्ज किया गया।
दो अलग-अलग आंकड़े क्यों हैं
SAFAR और सीपीसीबी के आंकड़ों में विसंगति के पीछे तथ्य यह है कि SAFAR के शहर में नौ स्थानों पर निगरानी स्टेशन हैं जबकि CPCB 18 स्थानों के आधार पर समग्र AQI की गणना करता है। दूसरी ओर, सीपीसीबी के दिल्ली में 36 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन हैं।
मलाड सबसे ज्यादा प्रदूषित
मुंबई मेन सिटी के अलावा शहर के अन्य जगहों के एक्यूआई लेवल पर नजर डालें तो यह और भी खराब श्रेणी में है। मलाड में हवा की गुणवत्ता 311 थी, यह सबसे खराब है। इसके बाद मझगांव और चेंबूर (303) और अंधेरी में 300 एक्यूआई लेवल दर्ज हुआ। बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में हवा की गुणवत्ता 269 खराब श्रेणी के रूप सामने आई। जबकि मध्यम श्रेणी में चार स्थान थे: कोलाबा (173), भांडुप (125), बोरीवली (111) और वर्ली (101)।
मुंबई में प्रदूषण कम करना चुनौती
जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने मुंबई में प्रदूषण कम करने के लिए दीर्घकालिक उपायों की जरूरत बताई है। सोमवार को जी-20 की पहली कार्यसमूह की बैठक से पहले वायु की खराब गुणवत्ता के मद्देनजर उन्होंने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि सरकार संचालित दो रिफाइनरी ने अगले 2-3 महीनों में तरल सल्फर और अन्य सल्फर सामग्री उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) आयुक्त आईसी चहल ने सरकारी तेल रिफाइनरी से होने वाले उत्सर्जन का मुद्दा उठाया, जिसके बाद उन्होंने इस मामले को पेट्रोलियम सचिव के समक्ष उठाया। कांत ने उन्हें दी गई जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि दो रिफाइनरी आधुनिक हैं, जो धुआं नहीं, लेकिन सल्फर ऑक्साइड छोड़ती हैं।