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एस जयशंकर ने पाकिस्तान को बताया आतंकवाद का स्पॉन्सर.. 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की काउंटर टेररिज्म पर समिट के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान की जमकर क्लास लगाई। यही नहीं मीडिया से बातचीत के दौरान पाकिस्तानी टीवी चैनल जियो न्यूज के एक पत्रकार ने सवाल पूछ लिया कि आखिर दक्षिण एशिया में कब आतंकवाद और युद्ध के हालात खत्म होंगे? इस पर विदेश मंत्री ने पाकिस्तानी पत्रकार से तंज भरे अंदाज में कहा कि आपने गलत मंत्री से सवाल पूछ लिया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद कब खत्म होगा, यह तो आपको पाकिस्तान के मंत्रियों से पूछना चाहिए। वे ही बताएंगे कि पाकिस्तान कब से आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद करने वाला है।

एस. जयशंकर ने कहा, ‘आपने गलत मंत्री से सवाल पूछ लिया है। यह तो पाकिस्तान के मंत्री ही बता पाएंगे कि कब तक उनका देश आतंकवाद को बढ़ावा देता रहेगा। उन्होंने खरी-खरी कहते हुए कहा कि दुनिया मूर्ख नहीं है और वह कुछ भी भूलती नहीं है। मेरी सलाह है कि पाकिस्तान एक अच्छे पड़ोसी की तरह से रहे और आतंकवाद को बढ़ावा देने जैसी चीजों से बचे। दुनिया अब उन देशों को पहचान रही है, जो आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। अब आप इस मामले में छिप नहीं सकते हैं। मुझे लगता है कि आपके चैनल के माध्यम से पाकिस्तान को यह संदेश चला जाएगा।’

पाकिस्तान को बताया आतंकवाद का स्पॉन्सर, जमकर लगाई क्लास

यही नहीं सुरक्षा परिषद में भी अपने संबोधन में एस. जयशंकर ने पाकिस्तान की जमकर क्लास लगाई। उन्होंने कहा कि आज भी दुनिया में कुछ ऐसे देश हैं, जहां आतंकी संगठनों के नेटवर्क जिंदा हैं। हमें आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों को पहचानना होगा। यही नहीं एस. जयशंकर ने आतंकवादियों के खिलाफ प्रस्ताव रोकने वाले चीन पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को एक नजर से देखना होगा और उसके बचाव का कोई भी तर्क नहीं हो सकता। गौरतलब है कि आतंकवाद समेत तमाम मसलों पर एस. जयशंकर मुखर होकर बोलते रहे हैं।

UNSC के विस्तार पर भी सख्त रहे हैं एस. जयशंकर

गौरतलब है कि दिसंबर महीने में भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है। भारत की प्रेसिडेंसी में ही काउंटर टेररिज्म पर समिट का आयोजन हुआ है। बता दें कि हाल ही में एस. जयशंकर ने सुरक्षा परिषद के विस्तार की भी मांग की थी। उन्होंने कहा था कि भारत, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका जैसे देशों को भी सुरक्षा परिषद में एंट्री मिलनी चाहिए। इन देशों को एंट्री दिए बिना उनके बारे में फैसले नहीं होने चाहिए।