यूपी में हवाओं के कमजोर रुख के चलते यह दिसंबर बीते दस वर्षों में सबसे कम ठंड वाला साबित हो रहा है। इस समय ना प्रबल पश्चिमी विक्षोभ तैयार हो पा रहा है, ना पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है। हवा की गति भी बेहद धीमी हो गई है। इन सभी कारणों से दिसंबर में कुछ खास ठण्ड नहीं पड़ रही है, जितनी इससे पहले होती थी। आधा दिसंबर बीत गया है। पूस भी शुरू हो गया है। दिसम्बर में इस समय तक कड़ाके की ठण्ड शुरू हो जाती थी। मौसम विभाग के बीते दस वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि दिसम्बर इतना कभी गर्म नहीं रहा।

मौसम विभाग निदेशक मो. दानिश ने बताया कि दिसम्बर में कड़ाके की ठण्ड तभी पड़ती है, जब मजबूत पश्चिमी विक्षोभ बनता है। इस समय कोई पश्चिमी विक्षोभ तैयार नहीं है। पहाड़ों पर बर्फबारी नहीं हो पा रही है। दो दिन पहले हवा गति 10 से 14 किमी प्रति घंटा थी, इससे पारा मामूली गिरा। शनिवार रफ्तार छह से आठ किमी प्रति घंटा रही। वैसे दिसम्बर में तापमान सामान्य है। जितनी ठण्ड पड़नी चाहिए उतनी पड़ रही है। इससे पहले इस समय तक दिसम्बर में न्यूनतम पारा छह डिग्री सेल्सियस के नीचे आ जाता था। दस दिसम्बर 2019 में न्यूनतम पारा 0.7 डिग्री पहुंच गया था। औसत न्यूनतम पारा 8.0, अधिकतम 23.6 डिग्री है।
पांच वर्षों में न्यूनतम पारा
07 दिसम्बर 2017 6.6 डि.से
01 दिसम्बर 2018 3.3 डि.से
10 दिसम्बर 2019 0.7 डि.से
07 दिसम्बर 2020 4 डि.से
05 दिसम्बर 2021 5.3 डि.से
20 तक बदलाव नहीं
शनिवार को हवा की गति बेहद धीमी होने से ठण्ड नहीं रही। सुबह और शाम को मामूली असर रहा। शनिवार न्यूनतम पारा 9.1 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक 20 दिसम्बर तक ऐसा ही मौसम रहेगा। इसके बाद एक-दो डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है।
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