Saturday , March 15 2025
Home / देश-विदेश / क्या सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति के बोलने और स्वतंत्रता के अधिकार पर लगाई जा सकती है पाबंदी

क्या सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति के बोलने और स्वतंत्रता के अधिकार पर लगाई जा सकती है पाबंदी

पीठ इस बारे में फैसला सुना सकती है। बता दें कि जस्टिस नजीर चार जनवरी को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में इस मामले में आज ही फैसला सुनाए जाने की उम्मीद है।

15 नवंबर को सुरक्षित रखा था फैसला

शीर्ष अदालत की मंगलवार की कार्यसूची के अनुसार मामले में दो अलग-अलग फैसले होंगे, जो जस्टिस रामासुब्रमण्यम और जस्टिस नागरत्ना सुनाएंगे। शीर्ष अदालत ने 15 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। अदालत ने कहा था कि सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों को ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए, जो अन्य देशवासियों के लिए अपमानजनक हों। शीर्ष अदालत ने कहा था कि यह व्यवहार हमारी संवैधानिक संस्कृति का हिस्सा है और इसके लिए सार्वजनिक पद पर बैठे लोगों के लिहाज से आचार संहिता बनाना जरूरी नहीं है।

आजम खान के बयान से हुआ था विवाद

गौरतलब है कि यूपी के तत्कालीन मंत्री आजम खान द्वारा बुलंदशहर सामूहिक दुष्कर्म को लेकर विवादित बयान दिया गया था, जिसके बाद ये विवाद हुआ था। आजम खान ने सामूहिक दुष्कर्म को राजनीतिक साजिश करार दिया था। अदालत उस व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसकी पत्नी और बेटी के साथ बुलंदशहर के नजदीक हाईवे पर जुलाई 2016 में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था।