जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की वाइस चांसलर शांतिश्री पंडित (Shantishree Pandit) ने अपने ही संस्थान के खिलाफ बड़ा बयान दिया है. वीसी शांतिश्री पंडित ने कहा कि उनकी यूनिवर्सिटी बीते 75 साल से झूठी बुनियाद पर इतिहास लिख रही है, पर अब इसमें परिवर्तन दिखने लगा है. उन्होंने ये दावा भी किया कि भारत का सर्वाधिक हिंदूकृत राज्य तमिलनाडु (Tamil Nadu) है. उन्होंने ये भी बताया कि वो गैर-हिंदी भाषी राज्य तमिलनाडु से जेएनयू की पहली वीसी हैं.

अंतिम हिंदू साम्राज्य पर वीसी ने कही ये बात
बता दें कि छत्रपति शिवाजी महाराज की माता जीजाबाई की जयंती के अवसर पर एनजीओ माई होम इंडिया की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेएनयू की वीसी शांतिश्री धुलिपुडी पंडित ने उनको भारतीय सभ्यता का गौरव और एक गुमनाम नायक बताया है. वीसी शांतिश्री धुलिपुडी पंडित ने आगे कहा कि जीजाबाई ने शिवाजी महाराज में मूल्यों की स्थापना की. फिर शिवाजी ने भारत के अंतिम हिंदू साम्राज्य यानी हिंदवी स्वराज की स्थापना की. यह सन् 1761 में हुई पानीपत की तीसरी लड़ाई तक चला था.
भारतीय सभ्यता के मूल्यों पर करें गर्व
वाइस चांसलर शांतिश्री धुलिपुडी पंडित ने कहा कि भारतीय सभ्यता को अपने मूल्यों पर गर्व होना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह चौथी इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन में एंट्री करने वाली दुनिया की सिर्फ दो सभ्यताओं में से एक थी.
JNU के इतिहासकारों पर साधा निशाना
वीसी ने आगे कहा कि झूठी बुनियाद पर इतिहास नहीं लिखना बेहद महत्वपूर्ण है. शांतिश्री धुलिपुडी पंडित ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के इतिहासकारों पर कहा कि झूठी बुनियाद पर हम इतिहास नहीं लिख सकते, जो पिछले 75 साल से हम करते आ रहे हैं और मेरी यूनिवर्सिटी इसमें बहुत अच्छी रही है.
उन्होंने ये भी कहा कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की पहली महिला वीसी के तौर पर उनका अपॉइंटमेंट लेफ्टिस्ट और तथाकथित लिबरल्स के चेहरे पर करारा तमाचा है, जो सिर्फ बड़ी-बड़ी बातों में भरोसा करते थे. वह तमिलनाडु से जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की वीसी भी हैं, जो देश का सर्वाधिक हिंदूकृत राज्य है.
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