
नई दिल्ली 25 जनवरी।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि विश्व भारत को सम्मान की दृष्टि से देख रहा है और इससे नयी संभावनाएं और जिम्मेदारियां पैदा हुई हैं।
राष्ट्रपति सुश्री मुर्मू ने 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर आज राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्व मंच पर भारत का प्रभाव बढ़ रहा है। विभिन्न विश्व मंचों पर भारत के हस्तक्षेप से सकारात्मक बदलाव आने शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि जी-20 की भारत को मिली अध्यक्षता लोकतंत्र और बहुस्तरीयवाद को प्रोत्साहन देने का एक अवसर है। उन्होंने कहा कि इससे विश्व और भविष्य को बेहतर आकार दिया जा सकता है।
उन्होंने वैश्विक तापमान और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि देश ने वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत विकसित करने और उन्हें लोकप्रिय बनाने पर जोर दिया है।जी-20 की अध्यक्षता एक बेहतर विश्व के निर्माण में योगदान हेतु भारत को अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करती है। ग्लोबल वर्मिंग और जलवायु परिवर्तन ऐसी चुनौतियां हैं जिनका सामना शीघ्रता से करना है।
श्रीमती मुर्मू ने विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि इसके लिए परंपरागत जीवन मूल्यों के वैज्ञानिक पहलुओं और प्राथमिकताओं पर ध्यान केन्द्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने जीवन शैली विशेषकर खानपान के तरीकों में बदलाव लाने पर जोर दिया। अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष पर राष्ट्रपति ने कहा कि मोटे अनाज पहले से ही लोगों के लिए आवश्यक रहे हैं और वर्तमान में मोटे अनाज अपनाने से स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी।
राष्ट्रपति ने शासन में सुधार के लिए सरकार द्वारा हाल ही में उठाए गए कदमों, लोगों के जीवन और सर्वोदय अभियान की उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आर्थिक , शैक्षिक , डिजीटल और प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर बहुत जोर दिया गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि आर्थिक अनिश्चितताओं, वैश्विक उथल-पुथल और कोविड महामारी की चुनौतियों के बावजूद भारत विश्व में पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
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