भारतीय अर्थव्यवस्था के आंकड़े बुधवार (31, मई, 2023) को जारी होंगे। इस बार उम्मीद की जा रही है कि मजबूत कृषि क्षेत्र और घरेलू मांग बढ़ने के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था जनवरी-मार्च 2023 में 5.5 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है, जो कि पिछली तिमाही (अक्टूबर- दिसंबर 2022) में जीडीपी वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत थी।
बता दें, जीडीपी डाटा राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी किया जाता है। इस बार उम्मीद की जा रही है कि भारत की जीडीपी वृद्धि दर एनएसओ के पहले अग्रिम अनुमान 7 प्रतिशत को पार कर सकती है।
GDP वृद्धि को लेकर आरबीआई का अनुमान
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के अनुमान के मुताबिक, भारत की जीडीपी ग्रोथ 2022-23 की चौथी तिमाही में 5.1 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। वहीं, अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ये अनुमान 6.5 प्रतिशत है।
कुछ दिनों पहले आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा था कि उन्हें बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं होगा अगर भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7 प्रतिशत से अधिक आती है।
बता दें, भारत की जीडीपी ऐसे समय में पर बढ़ रही है, जब पश्चिमी देशी की अर्थव्यवस्था में मंदी का आशंका जताई जा रही है। विश्व की बड़ी संस्थाएं भी कह चुकी हैं कि पश्चिम के मुकाबले भारत में मंदी आने की संभावना भी न के बराबर है।
क्यों अहम होते हैं GDP आंकड़े?
किसी भी देश के लिए उसकी जीडीपी के आंकड़े काफी अहम होते हैं। यह उस देश की अर्थव्यवस्था की तस्वीर को बताते हैं कि अर्थव्यवस्था कैसा प्रदर्शन कर रही है और आर्थिक गतिविधियां कैसी हैं। कोई भी देश इन्हीं आंकड़ों के आधार पर अपनी नीतियों का निर्धारण करता है।