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यूपीए सरकार के समय धान के समर्थन मूल्य में 143 प्रतिशत की हुई थी बढ़ोत्तरी-कांग्रेस   

रायपुर 08 जून।छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने मोदी सरकार के द्वारा धान के समर्थन मूल्य में की गयी बढ़ोत्तरी ऊंट के मुंह में जीरा करार देते हुए उस पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया हैं।

   प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने आज यहां जारी बयान में कहा कि मोदी सरकार आदतन किसान विरोधी है। मोदी ने 2014 के चुनाव के पहले वायदा किया था 2022 तक किसानों की आय दुगुनी की जायेगी तथा कृषि उपज के लागत मूल्य का ज्यादा समर्थन मूल्य घोषित किया जायेगा,लेकिन स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशो को मानने का भरोसा दिलाने वाले मोदी ने हर साल किसानों से धोखा किया।

    उन्होने कहा कि मोदी और भाजपा किसान से दो बड़े वादे कर सत्ता में आए। पहला वादा था, किसान के समर्थन मूल्य की लागत+50 प्रतिशत मुनाफा पर निर्धारित करना। दूसरा वादा था कि इस मूल्य निर्धारण के फॉमूले से साल 2022 तक देश के 62 करोड़ किसान की आय दोगुनी हो जाना। दोनों बातें सफेद झूठ साबित हुई है। किसान साल दर साल ठगे जाते रहे।

    श्री शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों के साथ मोदी सरकार लगातार धोखेबाजी कर रही है। यूपीए सरकार के 10 सालों में धान के समर्थन मूल्य में 142.85 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गयी थी। जब मनमोहन सरकार बनी तब धान का समर्थन मूल्य 560 रू. था, मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार में धान का समर्थन मूल्य बढ़कर 1360 रू. हो गया था। मोदी सरकार के 10वें साल में धान का मूल्य अब जाकर 2183 रू.घोषित हुआ है जो यूपीए सरकार में मिलने वाली कीमत में मात्र 60.5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी है।उन्होने कहा कि जब यूपीए सरकार थी तब और मोदी सरकार की तुलना में खेती की लागत में बढ़ोत्तरी हुई है।