रायपुर 30 जनवरी।मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने कहा है कि हमारे हस्तशिल्पियों के हाथ में अपनी हजारों वर्षों की परम्परागत कला को जीवित रखने का जादू है।
डा.सिंह आज यहां पंडरी स्थित छत्तीसगढ़ हाट परिसर में छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा आयोजित दस दिवसीय जगार 2018 के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। यह अखिल भारतीय हस्तशिल्प एवं हाथ करघा वस्त्रों की भव्य प्रदर्शनी सात फरवरी तक आम जनता के लिए खुली रहेगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ हाट परिसर पंडरी में पद्मश्री सम्मान प्राप्त हस्तशिल्पी स्वर्गीय श्री जयदेव बघेल के नाम पर हस्तशिल्पियों के लिए 20 लाख रूपए की लागत से विश्राम भवन का निर्माण कराने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हाट परिसर में आने वाले शिल्पियों के लिए यह भवन निःशुल्क उपलब्ध रहेगा।स्वर्गीय श्री जयदेव बघेल कोण्डागांव के सुप्रसिद्ध बेलमेटल शिल्पी थे, जिन्हें शिल्प गुरू का सम्मान भी प्राप्त है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने की। ग्रामोद्योग मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू और छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री दीपक ताराचंद साहू, बोर्ड के संचालक मंडल की सदस्य श्रीमती मीना लहरे और श्री प्रदीप सागर विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे।
इस प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ सहित 14 राज्यों मध्यप्रदेश, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगना, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, नईदिल्ली, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल के लगभग 200 कलाकारों ने अपनी हस्तशिल्प और हाथकरघा वस्त्रों की प्रदर्शनी लगाई है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पांच शिल्पियों को उनकी उत्कृष्ट कलाकृतियों के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया।