जीतनराम मांझी के महागठबंधन से अलग होने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे भाजपा से मिले हुए थे। अगर साथ रहते तो विपक्षी दलों की होने जा रही बैठक की बातें भाजपा तक पहुंचा देते।
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मांझी के भाजपा के करीब जाने की जानकारी थी। नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने खुद मांझी के सामने पार्टी का जदयू में विलय करने या अलग होने की पेशकश की थी। मांझी ने अलग होने का फैसला किया।
रत्नेश सदा ने ली मंत्री पद की शपथ
इससे पहले राजभवन के दरबार हाल में शुक्रवार को राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने जदयू विधायक रत्नेश सदा को मंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। दलित समाज से आने वाले रत्नेश सदा सहरसा जिले के सोनबरसा से जदयू विधायक हैं।
मंत्री बनने के पहले हाल ही में रत्नेश सदा ने मीडिया से बातचीत के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को शेर की खाल ओढ़े भेड़िया बताया था। यह भी कहा था कि मांझी ने मुसहर समाज के लिए कोई काम नहीं किया। ऐसी कोई लकीर भी नहीं खींची, जिसे याद किया जाए।