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पाकिस्तान: अल-अजीजिया मामले में नवाज शरीफ की सजा रद्द, जानिये क्यों?

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सुप्रीमो, 73 वर्षीय नवाज शरीफ, लंदन में आत्म-निर्वासन में चार साल बिताने के बाद शनिवार को ही पाकिस्तान लौटे हैं।

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की अंतरिम कैबिनेट ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के संस्थापक नवाज शरीफ को अल-अजीजिा केस में मिली सजा को रद्द कर दिया है। गौरतलब है कि नवाज शरीफ हाल ही में ब्रिटेन से पाकिस्तान लौटकर आए हैं। अल-अजीजिया मिल्स केस में नवाज शरीफ को सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी। 2019 में जेल में रहने के दौरान शरीफ की तबीयत बिगड़ गई थी। जिस पर लाहौर हाईकोर्ट ने इलाज के लिए नवाज शरीफ को विदेश जाने के लिए जमानत दे दी थी। उसके बाद से ही नवाज लंदन में थे और 21 अक्तूबर को ही वे पाकिस्तान लौटे हैं।

नवाज शरीफ को मिली राहत
गौरतलब है कि पाकिस्तान के पूर्व पीएम और मुस्लिम लीग नवाज के अध्यक्ष नवाज शरीफ बीते कई सालों से ब्रिटेन में स्व-निर्वासित जीवन जी रहे थे। 21 अक्तूबर को ही वे हाईकोर्ट से सुरक्षात्मक जमानत मिलने के बाद नवाज शरीफ पाकिस्तान लौटे।

गौरतलब है कि नवाज एवनफील्ड और अल-अजीजिया मामले में दोषी ठहराए गए थे। पाकिस्तान लौटने पर उनके गिरफ्तार होने की आशंका थी। हालांकि, इन मामलों में उन्होंने कोर्ट में आत्मसमर्पण करने से पहले सुरक्षात्मक जमानत देने की मांग की थी और याचिका में मांग की गई थी। ऐसे में हाईकोर्ट ने नवाज शरीफ को 24 अक्तूबर तक सुरक्षात्मक जमानत दे दी लेकिन ये भी चेतावनी दी कि अगर नवाज शरीफ तय तारीख पर कोर्ट में पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ फिर से गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा सकता है। अब पंजाब कैबिनेट ने एक मामले में उनकी सजा को ही रद्द कर दिया है। 

तोशाखाना मामले में पहले ही मिली है राहत
नवाज शरीफ को साल 2020 में तोशाखाना के वाहन मामले में भी नियमों के उल्लंघन का आरोपी माना था। शरीफ पर आरोप है कि उन्होंने तोशाखाना से एक लग्जरी कार सिर्फ 15 फीसदी कीमत देकर ली थी। अब भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने इस मामले में शरीफ के खिलाफ वारंट खारिज कर दिया है।