रायपुर 30 जून।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के पिछले दस वर्षों में जुड़े नये हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराने की केन्द्र से अनुमति नही मिलने पर राज्य सरकार अपने बलबूते नये हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराने योजना बनाएगी।
श्री बघेल आज यहां प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के हितग्राहियों के खाते में राशि के ऑनलाईन अंतरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत प्रदेश में 11 लाख 76 हजार 147 हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किए गए हैं। जिन्हें पूरा करने के लिए राज्यांश की राशि के रूप में 5117 करोड़ रूपए जारी कर दिए गए हैं। राज्य सरकार का यह प्रयास है कि सभी बेघरों को पक्के आवास उपलब्ध हों।
उन्होंने कहा कि आज इस योजना के तहत 22 हजार 126 हितग्राहियों को प्रथम किश्त हेतु 55 करोड़ रूपए, 12 हजार 455 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त के रूप में 55 करोड़ रूपए, 7477 हितग्राहियों को तृतीय किश्त के रूप 31 करोड़ रूपए तथा 7099 हितग्राहियों को चतुर्थ किश्त के रूप में 10 करोड़ रूपए की राशि जारी की गई है। आवासों की प्रगति के आधार पर आज 49 हजार 157 हितग्राहियों के खाते में कुल 151 करोड़ रूपए की राशि अंतरित की गई। उन्होंने बताया कि पिछले साढ़े चार वर्ष में इस योजना के अंतर्गत तीन लाख 87 हजार 915 आवास स्वीकृत किए गए हैं।
श्री बघेल ने कहा कि अब तक वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किए गए हैं, लेकिन अभी वर्ष 2023 चल रहा है। 10 साल की अवधि में इस योजना के अनेक नये हितग्राही जुड़े हैं। राज्य के भ्रमण के दौरान अनेक हितग्राही आवास की मांग करते है। नये हितग्राहियों को इस योजना से लाभान्वित करने के लिए हमने 01 अप्रैल से आर्थिक सर्वेक्षण कराया है, जिसका डाटा एनालिसिस का काम चल रहा है। इस सर्वेक्षण के आधार पर राज्य सरकार केन्द्र से इन नये हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराने का आग्रह करेगी। यदि ऐसा नहीं होता तो छत्तीसगढ़ सरकार अपने बलबूते पर इन हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराने के लिए योजना बनाएगी।