रायपुर 06 जुलाई।केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ.मनसुख मांडविया ने भारतीय चिकित्सा प्रणाली को दुनिया की श्रेष्ठ चिकित्सा प्रणाली बताते हुए कहा कि अब चिकित्सकों को डेटा संकलन और मेटा डेटा के ऊपर शोध कर स्वयं में आत्मविश्वास का एक नया स्तर प्राप्त करना होगा।
डॉ.मांडविया ने आज यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक की आधारशिला रखते हुए यह विचार व्यक्त किए। लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 150 बैड के इस ब्लॉक में अति गंभीर रोगियों को एक ही स्थान पर सभी चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त होंगी।
उन्होंने कहा कि भारत में चिकित्सा एक पेशा नहीं बल्कि सेवा का माध्यम माना जाता है। कोविड काल में चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टॉफ ने भारत के इस सेवा मॉडल को दुनिया के सामने प्रस्तुत कर एक नया गौरव हासिल किया है। उन्होंने कहा कि एम्स ने चिकित्सा सेवाओं के नए प्रतिमान स्थापित किए हैं जिसे आगे ले जाने की आवश्यकता है। डॉ. मांडविया ने चिकित्सा शिक्षकों का आह्वान किया कि वे शोध और नवोन्मेष की ओर ध्यान केंद्रित करें। भारतीय चिकित्सक दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं, इस आत्मविश्वास के साथ वे दुनिया को एक नई दिशा प्रदान कर सकते हैं।
एम्स के चिकित्सा शिक्षकों के साथ संवाद में उन्होंने कहा कि मंत्रालय प्रयास कर रहा है कि स्थापित एम्स के वरिष्ठ चिकित्सक अन्य एम्स में कुछ माह के लिए शिक्षण कार्य के लिए जाएं। छात्रों के साथ एक अन्य संवाद कार्यक्रम में उन्होंने नीट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर पनप रही आशंकाओं का जवाब देते हुए कहा कि मंत्रालय का प्रयास है कि छात्रों को प्रतिस्पर्द्धी माहौल प्रदान किया जा सके जिससे वे देश के साथ विदेश में भी अपने सेवाएं प्रदान कर सकें।
उन्होंने कहा कि आठ साल में मंत्रालय ने चिकित्सा शिक्षा की सीट दो गुना कर दी हैं। अगले तीन वर्ष में स्नातक के अनुरूप परा-स्नातक की सीट कर दी जाएंगी। 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोलने की अनुमति प्रदान की गई है। इसके साथ ही नर्सिंग छात्रों के पाठ्यक्रम में विदेशी भाषाएं भी सम्मिलित करने की योजना है। उन्होंने कोविड काल में किए गए प्रयासों को भारत की समर्थ गाथा बताया और कहा कि यह सभी के सम्मिलित परिश्रम की पराकाष्ठा थी।