25 साल की अदिति का कुल स्कोर 17 अंडर 271 रहा। थाईलैंड की अर्पिचया युबोल ने सप्ताह का सर्वश्रेष्ठ 64 का कार्ड खेल कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। कोरिया की ह्युनजो यू ने भी 65 का शानदार कार्ड खेलकर कांस्य पदक जीता।
भारत की स्टार महिला गोल्फर अदिति अशोक ने एशियाई खेलों में इतिहास रच दिया। उन्होंने रविवार (एक अक्तूबर) को रजत पदक पर कब्जा किया। अदिति एशियाई खेलों के इतिहास में कोई भी पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। टूर्नामेंट के इस संस्करण में गोल्फ में भारत का यह पदक है। वह स्वर्ण जीतने से जरूर चूक गईं, लेकिन उन्होंने अपने नाम एक बड़ी उपलब्धि दर्ज करा ली।
अदिति महिला गोल्फ स्पर्धा के आखिरी दिन रविवार को अपनी लय बरकरार नहीं रखी सकीं और 73 का निराशाजनक कार्ड खेलकर रजत पदक अपने नाम किया। अदिति के पास तीसरे दौर के बाद तालिका में शीर्ष पर सात शॉट की बड़ी बढ़त थी। उन्होंने एक बर्डी के मुकाबले चार बोगी और एक डबल बोगी कर के इस बढ़त को गंवा दिया और दूसरे स्थान पर खिसक गईं। अदिति स्वर्ण पदक से चूक गईं लेकिन दो बार की इस ओलंपिक खिलाड़ी ने अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया। वह टोक्यो ओलंपिक में भी मामूली अंतर से पिछड़ कर चौथे स्थान पर रही थीं।
गोल्फ में भारत का चौथा व्यक्तिगत पदक
यह गोल्फ में भारत का चौथा व्यक्तिगत पदक था। लक्ष्मण सिंह और शिव कपूर ने 1982 और 2002 सत्र में स्वर्ण पदक जीता था जबकि राजीव मेहता ने नई दिल्ली (1982) में रजत पदक जीता था। लक्ष्मण, राजीव, ऋषि नारायण और अमित लूथरा की भारतीय टीम ने 1982 में टीम स्वर्ण पदक जीता था। भारत ने दोहा और ग्वांगझू में 2006 और 2010 सत्र में टीम स्पर्धा का रजत पदक हासिल किया था।
थाईलैंड की खिलाड़ी ने जीता स्वर्ण
25 साल की अदिति का कुल स्कोर 17 अंडर 271 रहा। थाईलैंड की अर्पिचया युबोल ने सप्ताह का सर्वश्रेष्ठ 64 का कार्ड खेल कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। कोरिया की ह्युनजो यू ने भी 65 का शानदार कार्ड खेलकर कांस्य पदक जीता।
प्राणवी और प्रशांत ने किया निराश
इस स्पर्धा में भाग ले रही भारत की दो अन्य महिलाएं प्राणवी उर्स (13वां स्थान) और अवनी प्रशांत (संयुक्त 18वां स्थान) ने भी आखिरी दिन निराशा किया। प्राणवी ने 75 जबकि अवनी ने 76 का कार्ड खेला जिससे भारत टीम स्पर्धा में चौथे स्थान पर खिसककर पदक से चूक गईं।