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जानिए अनुपम खेर का सीक्रेट सक्सेस मंत्र

आमतौर लीजेंड शब्द का प्रयोग किसी व्यक्ति की लोकप्रियता को ध्यान में रखकर किया जाता है। भारतीय सिनेमा के अभिनेता अनुपम खेर बहुत लोकप्रिय सितारे हैं। उनको लिविंग लीजेंड माना जाता है। लेकिन अनुपम खेर की कोई तारीफ करें, या उनको लीजेंड कहे। यह बात उनको सुनना कतई पसंद नहीं है। यहां तक कि अभिनेता को धन्यवाद जैसे शब्द भी नहीं पसंद हैं।

भारतीय सिनेमा में अभिनेता अनुपम खेर का जो योगदान रहा है। उसे बिल्कुल भी बुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने अपने फिल्मी करियर में एक से बढ़कर एक यादगार किरदार निभाए हैं। और, अभी भी  फिल्मों में अच्छे खासे व्यस्त हैं। भारतीय सिनेमा ने उनके योगदान और उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें लिविंग लीजेंड माना जाता है। लेकिन जब कोई उन्हें लीजेंड कह कर संबोधित करता है, तो यह बात सुनकर उन्हें चिढ़ हो जाती है।

मंगलवार को अभिनेता अनुपम खेर की फिल्म ‘टाइगर नागेश्वर राव’ के ट्रेलर लांच पर फिल्म के सभी कलाकार उन्हें लीजेंड कहकर संबोधित कर रहे थे। दरअसल, इस फिल्म में सबसे वरिष्ठ कलाकार अनुपम खेर ही हैं। जाहिर सी बात है फिल्म के सभी कलाकार और टेक्नीशियन उनका सबसे ज्यादा सम्मान करेंगे। फिल्म के ट्रेलर लांच के दौरान सभी कलाकार जब मंच पर एक एक आ रहे थे तो उनको लीजेंड शब्द संबोधित कर रहे थे। लीजेंड शब्द सुन सुनकर अनुपम खेर के चेहरे के भाव बार- बार बदल रहे थे। जब अभिनेत्री नूपुर सेनन भी अनुपम खेर को लीजेंड शब्द संबोधित करते हुए कहा,  ‘मुझे लगता है कि आप को लीजेंड शब्द सुनकर बुरा लगता है,लेकिन मेरी नजर में आप लीजेंड ही हो।’

अभिनेत्री नूपुर सेनन की इस बात को सुनकर अनुपम खेर ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘मुझे बुरा नहीं लगता जब कोई लीजेंड एक्टर कहता है।  बल्कि इस शब्द को सुनकर ऐसी फीलिंग होती है कि मैं रिटायर होने वाला हूं। मुझे अभी रिटायर नहीं होना है। मैं तो अभी 25 साल तक और भी काम करना चाहता हूं। अभी एक एक्टर के तौर पर बहुत कुछ करना बाकी रह गया है।’

अभिनेता अनुपम खेर अब 500 फिल्मों में काम कर चुके है। और, अभी भी उनके अंदर एक कुछ ना कुछ नया सीखने की ललक रहती है। वह कहते हैं, ‘मैंने 500 फिल्में कर ली हैं। मुझे कोई क्या सिखाएगा ? लेकिन जब मैं नई निर्देशकों के साथ काम करता हूं ,तो उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। ‘टाइगर नागेश्वर राव’ की शूटिंग के दौरान मुझे बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। मुझे नए लोगों के साथ काम करके हमेशा अच्छा लगता है।’