शरीर को स्वस्थ रखने में ‘runner’s high’ जरुरी, दवाओं की तुलना में दौड़ना अवसाद को बेहतर तरीके से कम कर सकता है
यदि आप प्रतिदिन लंबी दौड़ लगाते है तो आपको यह जानकर खुशी होगी कि एक शोध के अनुसार, अवसाद या चिंता को कम करने लिए इसके कई फायदे हैं। हाल ही में जर्नल ऑफ अफेक्टिव डिसऑर्डर में प्रकाशित एक लघु-स्तरीय अध्ययन से पता चला है कि दवाओं के उपयोग करने के तुलना में नियमित रूप से दौड़ना स्वास्थ्य के लिए लाभ प्रदान कर सकता है।
यह बात सुस्ती व थकावट की ग्रस्तता और चिंता से चल रहे इलाज में दवाओं की प्रभावशीलता के संबंध में बहस हुई। शोध में इस बात का पता चला कि, चिंता या थकावट से पीड़ित 141 रोगियों को शामिल किया गया है, जिसमे सभी प्रतिभागियों में 40 लोगों ने दवाओं का सहारा लिया तो वही 99 लोगो ने दौड़ने का सहारा लेना पसंद किया।
इन दोनों समूहों के रोगियों को 16-सप्ताह के खान पान का पालन करना आवश्यक था, दवा सेवन के लिए या सत्र चलाने के लिए। वहीं दौड़ने वाले लोगों के लिए एक समूह का लक्ष्य दिया गया है, प्रत्येक समूह में दो से तीन बारीकी से निगरानी करने वाले 45 मिनट के दौड़ शामिल था। हालाँकि, शोधकर्ताओं ने यह देखा कि इस प्रोटोकॉल का पालन अवसादरोधी समूह (82%) की तुलना में दौड़ने वाले समूह (52%) में कम था,
इस बात से पता चला कि दौड़ने के लिए जिन व्यक्तियों ने विकल्प चुना था वे सभी प्रतिभागियों ने हर 45 मिनट का सत्र पूरा नहीं किया। और अवसादरोधी समूह को एस्सिटालोप्राम निर्धारित किया गया, जिसमे मस्तिष्क में सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई एक चयनात्मक सेरोटोनिन रीपटेक एक अवरोधक दवा है। इस दवा के सेवन करने का शेड्यूल निर्दिष्ट नहीं किया गया था। दोनों समूहों के बीच लगभग 44% प्रतिभागियों ने अवसाद और चिंता दोनों लक्षणों में सुधार दिखाया।
आपको बता दें कि प्रतिदिन दौड़ने से शरीर के सभी अंग एक्टिव रहते है, जिससे लोगों में थकान, सांस फूलना चक्कर आना और अन्य बीमारियों को एक दूर निकाल फेंकता है. दौड़ने से शरीर की सभी गंदे पदार्थ को पसीने के रास्ते बाहर निकाल देता है. जिससे शरीर एक दम स्वस्थ रहता है.