पुलिस एक साल से बच्चे के शव की तलाश कर रही है। नोएल को आखिरी बार पिछले साल नवंबर में टेक्सास के एवरमैन में देखा गया था। जबकि अक्तूबर में उसकी दो जुड़वां बहनों का जन्म हुआ था।
अमेरिका से इस साल मार्च में भागकर भारत आई छह साल के एक बच्चे की मां को ग्रैंड ज्यूरी ने हत्या समेत कई नए आरोपों में दोषी ठहराया है। दरअसल, 37 वर्षीय सिंडी सिंह पर आरोप है कि अपने विशेष जरूरत वाले बेटे नोएल रोड्रिग्ज-अल्वारेज की हत्या करने के बाद वह भारत भाग गई।
10 बच्चों की थी मां
पुलिस एक साल से बच्चे के शव की तलाश कर रही है। नोएल को आखिरी बार पिछले साल नवंबर में टेक्सास के एवरमैन में देखा गया था। जबकि अक्तूबर में उसकी दो जुड़वां बहनों का जन्म हुआ था। आरोपी महिला के 10 बच्चे थे। तीन भाई-बहन कथित तौर पर दादा-दादी के साथ रहते थे, जबकि नोएल और अन्य बच्चे एवरमैन में एक झोपड़ी में अपनी मां के साथ रहते थे। भारतीय मूल का सौतेला पिता सिंह भी इन्हीं लोगों के साथ झोपड़ी में रहता था।
हैरान कर देने वाला सच
जांच से सामने आया कि सिंडी बच्चे के साथ बहुत बुरी तरह व्यवहार करती थी। वह विशेष जरूरत वाले नोएल को राक्षस बुलाती थी। उसका मानना था कि वह जुड़वां बच्चों को नुकसान पहुंचाएगा। अधिकारी ने बताया कि रिश्तेदारों और गवाहों से पता चला कि नोएल को खाना और पानी नहीं दिया जाता था क्योंकि सिंडी को उसका डायपर बदलना पसंद नहीं था। यहां तक कि एक रिश्तेदार ने सिंडी को नोएल के चेहरे पर चाबी से वार करते हुए भी देखा था, क्योंकि उसने पानी पी लिया था।
शव की तलाश जारी
एवरमैन के पुलिस प्रमुख क्रेग स्पेंसर ने बताया कि नोएल के शव की तलाश जारी है। टैरेंट काउंटी ग्रैंड ज्यूरी ने बच्चे की मां सिंडी सिंह को हत्या के एक आरोप, एक बच्चे को चोट पहुंचाने के दो आरोपों और लौटने के इरादे के बिना एक बच्चे को छोड़ने के एक आरोप में दोषी ठहराया है। माना जा रहा है कि सिंडी मार्च से अपने पति अर्शदीप सिंह और अपने छह अन्य बच्चों के साथ भारत में रह रही है।
सौतेले पिता पर भी जांच
स्पेंसर ने सोमवार को कहा कि विभाग बच्चे की मां और सौतेले पिता का पता लगाने के लिए संघीय सहयोगियों के साथ काम कर रहा है। अगर इस अपराध में सौतेले पिता की भी भूमिका पाई गई तो उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि संघीय सहयोगियों के साथ जल्द आरोपी को पकड़ लिया जाएगा। इसके बाद उसे यहां वापस लाकर पूछताछ करेंगे क्योंकि कुछ सवालों के जवाब अभी नहीं मिले हैं।
पुलिस को पिछले साल नवंबर में नोएल के लापता होने की गुमनाम सूचना मिली थी, तबसे वह जांच में लगी है। दंपति को भारत से प्रत्यर्पित करने की कोशिश कर रही है। इससे पहले पिछले मार्च में अधिकारी को जानकारी मिली थी कि विशेष जरूरत वाले बच्चे के साथ गलत व्यवहार हो रहा है। इस पर उन्होंने ध्यान देना शुरू कर दिया था।
हालांकि, जांच शुरू करने के कुछ दिनों के भीतर पुलिस को पता चला कि सिंडी और परिवार के बाकी लोग अचानक देश छोड़ चुके हैं। बाद में जांचकर्ताओं को पता चला कि दंपत्ति ने 22 मार्च को भारत जाने के लिए क्रेडिट कार्ड से एयरलाइन का टिकट खरीदा था।
कुत्तों की मदद से आया सच सामने
अधिकारियों ने अप्रैल में परिवार द्वारा किराए पर लिए गए घर की तलाशी ली। यहां कैडेवर कुत्तों की मदद से उस जगह का पता लगा, जहां गीली मिट्टी थी। शुरुआती जांच से पता चला कि इस जगह शव को पहले दबाया गया था। हालांकि, खोदाई करने पर कोई सबूत नहीं मिला।
जांचकर्ताओं ने कहा कि उनका मानना है कि नोएल की मौत हो गई है क्योंकि इसका कोई सबूत नहीं मिला कि वो विदेश में अपने परिवार के साथ रह रहा है। उन्होंने कहा कि न ही इस दावे का कोई सबूत मिला की परिवार ने उसे बेच दिया था।
स्पेंसर ने कहा कि जांच से साफ है कि उसकी हत्या की गई थी। जबतक बच्चे को न्याय नहीं मिल जाता शांति से नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा, ‘जांच से ऐसा लग रहा है कि बच्चे की जान मां ने ही ली है। हालांकि हम यह नहीं चाहते हैं कि ऐसा हुआ हो। पर जांच से अभी यही लग रहा है।