CM नीतीश कुमार गुरुवार को फिर गरमा गए। इतने कि पूर्व मुख्यमंत्री को सेंसलेस बता दिया। अपने एक निर्णय को मूर्खतापूर्ण बता दिया। संसदीय कार्य मंत्री से लेकर विधानसभा अध्यक्ष तक रोकते रहे, लेकिन सीएम लगातार बोलते रहे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को फिर अनियंत्रित हो गए। मंगलवार को उन्होंने शादी के बाद प्रजनन रोकने का फॉर्मूला बताया था तो उन्हें किसी ने नहीं रोका। बुधवार को उन्होंने माफी मांगी। अब गुरुवार को बिहार विधानसभा में उन्हें संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी से लेकर बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी तक ने रोकने की कोशिश की, लेकिन नहीं रुके। पूर्व मुख्यमंत्री और खुद से बुजुर्ग जीतन राम मांझी को तुम-तुम करते हुए सेंसलेस बता दिया। कहने लगे कि मेरी गलती थी कि इस आदमी को मैंने मुख्यमंत्री बना दिया। मैंने मूर्खता की।
मांझी आरक्षण की समीक्षा पर बोल रहे थे, तभी गरमाए सीएम
दरअसल, आरक्षण संशोधन विधेयक पर संशोधन के समय पूर्वी मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी यह कह रहे थे कि जातीय गणना कागजी हुई है। इसका धरातल पर कोई मतलब नहीं है। इसमें जातियों का आंकड़ा गलत बताया गया। हम आरक्षण तो दे देते हैं और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का नियम बना देते हैं। लेकिन, हमने आजतक क्या किया है। बाबा भीम राव आंबेडकर ने कहा था कि प्रत्येक 10 वर्ष पर आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए। इसी बात पर सीएम नीतीश कुमार खड़े हो गए और गुस्से में उन्हें खरी-खोटी सुनाने लगे।
रोके नहीं रुके, क्या-क्या नहीं कह दिया मांझी को
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि इनको कुछ आइडिया है। मेरी गलती थी, मेरी मूर्खता से यह मुख्यमंत्री बन गया। इसको कोई सेंस है। ऐसे ही बोलते रहता है। उस समय भी भाग कर चला गया था। आप लोगों को जब छोड़ दिए थे, तब अकेले था। इसके बाद हमने इसे मुख्यमंत्री बना दिया। जब हम बना दिए तो मेरी पार्टी के लोग हमको दो माह बाद ही कहने लगे कि ई तो गड़बड़ है, इनको हटाइए। इसके बाद जनता भी सवाल उठाने लगी। बाध्य होकर मुझे इसे हटाना पड़ा। सीएम नीतीश ने भाजपा से पूछा कि नारा लगा रहे हो, पूछो कि किसने मुख्यमंत्री बनाया। सीएम ने भाजपा नेताओं से कहा कि आप लोग इन्हें क्यों नहीं राज्यपाल बना देते हैं। इसलिए यह भाजपा के साथ गया है। इसके बाद सदन भाजपा विधायक हंगामा करने लगे। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि सदन में पूर्व दलित मुख्यमंत्री को बोलने दिया जाए। उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। सीएम फिर खड़े हो गए गुस्से में कहा कि मैंने ही इन्हे मुख्यमंत्री बनाया। अब यह (जीतन राम मांझी) राज्यपाल बनना चाहता है। मेरा यह सुझाव है कि यह आपलोग (भाजपा) के पीछे राज्यपाल बनने के लिए घूमता रहता है। इसलिए इसको (जीतन राम मांझी) राज्यपाल बना दीजिए। वह तो राज्यपाल बनने के चक्कर में है। एक बात जान लीजिए कि इसके परिवार का लोग इसके खिलाफ है। आप लोग जो नारा लगवा रहे हो कि इसको मुख्यमंत्री कौन बनाया? मैंने बनाया। मेरी गदहपनी थी। पूछिए क्यों कांग्रेस को छोड़कर मेरे पास आया। हम तो चाहते हैं कि यह एक्सपोज हो जाए।